Sunday, December 28, 2025
Homeअंतर्राष्ट्रीय समाचारIndia–Russia Friendship in Rare Photos: Putin’s Big Statement Before Visit | रूसी...

India–Russia Friendship in Rare Photos: Putin’s Big Statement Before Visit | रूसी लीडर को देखने आए थे 2 लाख लोग: रूस ने नेहरू को गाय गिफ्ट की, 20 तस्वीरों में भारत-रूस दोस्ती


नई दिल्ली26 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

भारत हमारे सबसे भरोसेमंद साझेदारों में से एक है। हम सिर्फ भारत को अपने हथियार बेच नहीं रहे हैं और भारत सिर्फ हमसे हथियार नहीं खरीदता। हमारे बीच ये संबंध इन सबसे ऊपर की बात है। हम टेक्नोलॉजी भी शेयर कर रहे। डिफेंस सेक्टर में यह आम बात नहीं है, क्योंकि इसके लिए दो देशों के बीच अटूट भरोसे की जरूरत होती है।

भारत आने से ठीक एक दिन पहले रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने यह बयान दिया है।

20 तस्वीरों में दोनों देशों की दोस्ती की जर्नी…

तस्वीर- 21 दिसंबर 1947

पहली बार भारत ने विजय लक्ष्मी पंडित को रूस (तब सोवियत संघ) का राजदूत बनाया। वहीं रूस ने किरिल नोविकोव को भारत राजदूत बनाकर दिल्ली भेजा। ये तस्वीर उसी वक्त की है, जब वे दिल्ली एयरपोर्ट पर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ उतरे थे। यही वो दिन था, जब भारत-रूस के रिश्तों की अटूट नींव रखी गई थी।

तस्वीर- 7 नवंबर 1951

इस साल दुनिया के मजदूरों की सबसे बड़ी रूसी क्रांति के 34 साल पूरे हो रहे थे। रूस में इस मौके पर भव्य आयोजन हुआ था। भारत के राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को इसमें शामिल होने का निमंत्रण मिला। न्योता लेकर खुद रूसी ऐंबैस्डर किरिल नोविकोव भारत के राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के पास पहुंचे थे। ये तस्वीर उसी वक्त की है।

तस्वीर- 7 जून 1955

पंडित जवाहर लाल नेहरू बतौर PM पहली बार 1955 में सोवियत संघ के दौरे पर गए। इस दौरान मॉस्को में हवाई अड्डे पर उनका स्वागत उस वक्त के कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव और रूस के सबसे बड़े नेता निकिता ख्रुश्चेव ने किया था। हालांकि, ये जवाहरलाल नेहरू का पहला सोवियत दौरा नहीं था। वे 1927 में भी अपने पिता के साथ अक्टूबर क्रांति की 10वीं वर्षगांठ में हिस्सा लेने मॉस्को गए थे।

तस्वीर- 7 जून 1955

भारत और रूस की दोस्ती गहराती जा रही थी। नेहरू की यात्रा के 5 महीने बाद पहली बार USSR मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष निकोलाई बुल्गानिन और निकिता ख्रुश्चेव (CPSU सेंट्रल कमेटी के मुख्य सचिव) खुद भारत आ गए। नई दिल्ली में बने हैदराबाद हाउस में दोनों नेताओं ने कई दिन बिताए थे। दोनों 3 हफ्ते की लंबी यात्रा पर भारत आए थे। ये दौरा इसलिए भी खास था कि शीतयुद्ध के शुरू होने के बाद पहली बार रूसी नेता ऐसे देश गए थे जो साम्यवादी नहीं था। ये तस्वीर उसी दौरे की है।

तस्वीर- 28 नवंबर 1955

भारत और रूस की दोस्ती गहराती जा रही थी। नेहरू की यात्रा के 5 महीने बाद पहली बार USSR मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष निकोलाई बुल्गानिन और निकिता ख्रुश्चेव (CPSU सेंट्रल कमेटी के मुख्य सचिव) खुद भारत आ गए। नई दिल्ली में बने हैदराबाद हाउस में दोनों नेताओं ने कई दिन बिताए थे। दोनों 3 हफ्ते की लंबी यात्रा पर भारत आए थे। ये दौरा इसलिए भी खास था कि शीतयुद्ध के शुरू होने के बाद पहली बार रूसी नेता ऐसे देश गए थे जो साम्यवादी नहीं था। ये तस्वीर उसी दौरे की है।

तस्वीर- 10 दिसंबर 1955

भारत के स्वर्ग (कश्मीर) के दौरे पर ख्रुश्चेव और बुल्गानिन का स्वागत जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन प्रधानमंत्री बख्शी गुलाम मोहम्मद ने किया था। सोवियत संघ के बड़े नेताओं के कश्मीर जाने की चर्चा पूरी दुनिया में हुई। इस दौरान ख्रुश्चेव ने कश्मीर पर बड़ा बयान देते हुए इसे भारत का हिस्सा बताया। तस्वीर में बख्शी और ख्रुश्चेव एक-दूसरे को गुस्ताबा (कश्मीरी पकवान) खिला रहे हैं।

तस्वीर- दिसंबर 1955

ये तस्वीर ख्रुश्चेव और बुल्गानिन के कश्मीर में हो रहे रोड शो की है। इस रोड शो के दौरान उनके साथ प्रधानमंत्री बख्शी गुलाम मोहम्मद, सदर-ए-रियासत कर्ण सिंह भी थे। उनके स्वागत में तब हजारों की भीड़ इकट्‌ठा हो गई थी।

तस्वीर- दिसंबर 1955

अपनी भारत यात्रा के दौरान ख्रुश्चेव और बुल्गानिन रूस लौटने से पहले कोयंबटूर के पास वडामदुरई गांव गए। यहीं पर बुल्गानिन एक खेत में नारियल का पानी पीने के लिए रुक गए। आज भी लोग इस जगह को ‘बुल्गानिन थोट्टम’ कहते हैं। ये तस्वीर उसी वक्त की है।

तस्वीर- 27 मार्च 1960

प्रधानमंत्री के रूप में जवाहरलाल नेहरू दूसरी बार सोवियत संघ गए। इस दौरान सोवियत सरकार ने उन्हें गाय गिफ्ट की। जब सोवियत राजदूत इवान बेनेडिक्टोव और उनकी पत्नी ने गाय की रस्सी नेहरू को थमाई तो वो तुरंत उसे चारा खिलाने लगे। यह दोनों देशों के लिए एक बेहद यादगार वक्त था।

तस्वीर- नवंबर 1961

12 अप्रैल 1961 को सोवियत अंतरिक्ष यात्री यूरी गागरिन पहली बार अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले व्यक्ति बन गए। अपनी कामयाबी के बाद इसी साल वो भारत आए थे। तस्वीर उसी वक्त की है, जब नेहरू ने गागरिन के साथ मुंबई की सड़कों पर रैली निकाली थी। बाद में रूस ने आसमान और अंतरिक्ष फतह करने में भारत का साथ दिया था।

तस्वीर- साल 1963

16 जून 1963 को पहली बार दुनिया में किसी महिला ने अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी। अंतरिक्ष यात्री वेलेंटीन टेरेशकोवा उसी साल भारत दौरे पर आई थीं। दिल्ली के एक कार्यक्रम में उस समय के PM नेहरू के साथ सोवियत राजदूत इवान बेनेडिक्टोव और वेलेंटीन ने हिस्सा लिया था। ये उसी वक्त की तस्वीर है।

तस्वीर- 1966

भारत की आजादी के 19 साल बीत चुके थे। अब तक देश में कोई बड़ा स्टील प्लांट नहीं लगा था। भारत सरकार के पास प्लांट लगाने की तकनीक नहीं थी। इस काम के लिए भारत ने दोस्त रूस की ओर देखा, इसके बाद रूस ने तुरंत खास मदद भेजने का ऐलान कर दिया। नतीजा- 1966 में तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रूस की मदद से बोकारो स्टील प्लांट की आधारशिला रखी।

तस्वीर- 1971

बांग्लादेश को लेकर भारत और पाक के बीच जंग छिड़ गई थी। अमेरिकी सहित पश्चिमी देश पाकिस्तान का समर्थन कर रहे थे। अमेरिका ने इस युद्ध में भारत के खिलाफ अपने जंगी जहाजों का सातवां बेड़ा भेज दिया।

इसके जवाब में रूस ने परमाणु मिसाइल से लैस सबमरीन से समुद्री रास्ता रोककर अमेरिका, ब्रिटेन समेत दूसरे देशों के पोत को भारत पर हमला करने से रोक दिया।

तस्वीर- 1988

बांग्लादेश की जंग के बाद भारत और रूस की दोस्ती दुनिया भर के लिए मिसाल बन गई थी। दुनिया के दूसरे देशों ने इस दोस्ती पर नजर लगानी शुरू कर दी। इसके बाद जब सोवियत राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव आधिकारिक दौरे पर भारत आए तो प्रधानमंत्री राजीव गांधी उनका स्वागत करने सीधे एयरपोर्ट पहुंच गए थे। यह तस्वीर नवंबर 1988 नई दिल्ली की है।

तस्वीर- 1993

रूसी राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन भारत आए थे। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में एक स्वागत समारोह में भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन का स्वागत किया। यह तस्वीर उसी समय की है।

तस्वीर- 2000

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में उनका राजकीय स्वागत किया गया था।

तस्वीर- नवंबर 2001

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार केंद्र में थी। पुतिन एक बार फिर से भारत के दौरे पर थे। तब एक मीटिंग में वाजपेयी और पुतिन एक कुर्सी पर बैठे हुए हैं। इस मीटिंग के दौरान गुजरात के तत्कालीन CM नरेंद्र मोदी पीछे खड़े हैं। तब पुतिन को भी अंदाजा नहीं रहा होगा कि पीछे खड़े मोदी भविष्य में भारत के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं।

तस्वीर- 2007

सरकार भले बदल गई हो पर भारत को लेकर पुतिन के प्यार में कोई कमी नहीं आई। एक बार फिर पुतिन भारत आए और हिंदुस्तान को परमाणु ऊर्जा के लिए तकनीक और संसाधन देने का वादा किया।

इस तस्वीर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह दिख रहे हैं।

तस्वीर- 2014

नवंबर 2001 में पुतिन भारत आए थे तो मोदी अटल बिहारी की कुर्सी के पीछे खड़े थे। 13 साल बाद पुतिन भारत आए तो वही नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बन गए थे। यह तस्वीर नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में 11 दिसंबर 2014 को ली गई। तस्वीर में दोनों नेता हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन भारत दौरे को लेकर गूगल पर ट्रेंड कर रहे हैं…

सोर्स- गूगल ट्रेंड्स

————————–

यह खबर भी पढ़ें…

रूसी राष्ट्रपति पुतिन 7 मंत्रियों के साथ भारत पहुंचे:PM मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे, 25 से ज्यादा समझौते हो सकते हैं

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम दो दिन के भारत दौरे पर पहुंचे। उनके साथ 7 मंत्रियों का बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी आया है। मोदी और पुतिन के बीच आज दो अहम बैठकें होने वाली हैं। इनमें से एक बैठक बंद कमरे में होगी। पढ़ें पूरी खबर…

खबरें और भी हैं…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments