
एचपी पीसी
HP PC: आने वाले कुछ समय के बाद एचपी पीसी और लैपटॉप की कीमतों में बढ़ोतरी और मेमोरी कॉन्फिगरेशन में कमी देखी जा सकती है। ग्लोबल स्तर पर रैम की कमी के बीच ऐसा हो सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एचपी के सीईओ एनरिक लोरेस ने हाल ही में एक अर्निंग्स कॉल में मेमोरी की कमी और उसके नतीजों के तौर पर कीमतों में उछाल पर बात की। इसमें उन्होंने बताया कि कंपनी 2026 की दूसरी छमाही में अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर हो सकती है। ऐसा कहा जाता है कि ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर (OEM) ने तब तक चलने के लिए पर्याप्त मेमोरी चिप्स का भंडार जमा कर लिया है लेकिन उसके बाद स्थिति बदल जाएगी।
2026 में कस्टमर्स को HP प्रोडक्ट्स की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है-
ग्लोबल स्तर पर RAM की कमी ने स्मार्टफोन, पीसी और गेमिंग कंसोल जैसे कई क्षेत्रों पर असर डाला है। सप्लाई का एक बड़ा हिस्सा बड़ी संख्या में बन रहे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) डेटा सेंटरों में जाने की वजह से कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र संकट में है। इससे पहले जानकारी सामने आ चुकी है कि सैमसंग ने तीन महीनों में मेमोरी कंपोनेंट्स की कीमतों में 60 परसेंट तक की बढ़ोतरी की है।
अब PCMag की एक रिपोर्ट के मुताबिक HP के सीईओ ने कंपनी की 2025 की तीसरी तिमाही की अर्निंग कॉल के दौरान ग्लोबल RAM की कमी और इसके संभावित प्रभावों पर बात की है। लोरेस ने बताया कि हाल के हफ्तों में DDR5 RAM की कीमतों में 200 परसेंट से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। कहा जाता है कि HP के पास अगले साल की पहली छमाही तक चलने के लिए पर्याप्त स्टॉक है लेकिन उसके बाद OEM को भी इस कमी का असर महसूस होने लगेगा।
कंपनी के पीसी उत्पाद मार्जिन पर असर आने का डर
बताया जाता है कि एचपी के सीईओ ने कहा कि मई 2026 के बाद रैम की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी कंपनी के पीसी उत्पाद मार्जिन पर असर डालेगी। नतीजतन कंपनी को कथित तौर पर अपने उपकरणों में कम मेमोरी कॉन्फिगरेशन शामिल करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और उसके बाद भी फिर भी कीमतें बढ़ानी पड़ सकती हैं। ओईएम को अन्य उपाय भी करने पड़ सकते हैं जैसे कम लागत वाले सप्लायर्स को चुनना, एआई-बेस्ड ऑटोमेशन को इंटीग्रेट करना और पोर्टफोलियो को नया स्वरूप देना जैसे कदम उठाने पड़ सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि एनरिक लोरेस ने कहा है कि ये मामले-दर-मामले और देश-दर-देश के साथ श्रेणी-दर-श्रेणी के आधार पर तय किए जाएंगे। ऐसा शायद इसलिए किया जा रहा है क्योंकि बाजार में काफी उतार-चढ़ाव है और मेमोरी चिप की कीमतों में बढ़ोतरी का अलग-अलग सेक्टर पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका अभी अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।
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