स्पोर्ट्स डेस्क5 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए अहमदाबाद में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स तैयार हो रहा है।
अहमदाबाद के लिए आज का दिन बेहद खास हो सकता है, क्योंकि 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी को लेकर अंतिम फैसला आज आने वाला है। स्कॉटलैंड के ग्लासगो में हो रही अहम बैठक में भारत की ओर से गुजरात के उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी के नेतृत्व में एक डेलिगेशन पहुंच चुका है।
15 अक्टूबर को कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने अहमदाबाद को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए आधिकारिक तौर पर नॉमिनेट किया था। भारत को नाइजीरिया के अबुजा शहर से चुनौती मिल रही थी, लेकिन बोर्ड ने नाइजीरिया को 2034 के गेम्स के लिए समर्थन देने का भरोसा दिया है। इससे अहमदाबाद की दावेदारी और मजबूत हो गई है।

2010 में भारत ने नई दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजित हुए थे। जिस पर करीब 70,000 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
2 एशियन गेम्स भी करा चुका है भारत भारत ने इससे पहले 2010 में नई दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजित किए थे, जिन पर करीब 70,000 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इसके अलावा भारत 1951 और 1982 एशियाई खेलों की मेजबानी भी कर चुका है। तीनों बड़े मल्टी-स्पोर्ट्स इवेंट दिल्ली में हुए थे। अगर अहमदाबाद को 2030 की मेजबानी मिलती है, तो यह पहली बार होगा जब कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय मल्टी-स्पोर्ट्स इवेंट दिल्ली के बाहर आयोजित होगा।

9 देश कॉमनवेल्थ की मेजबानी कर चुके कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किसी भी देश के लिए सिर्फ खेल आयोजन नहीं, बल्कि उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि, विकास क्षमता, इन्फ्रास्ट्रक्चर और विजन का भी प्रतीक माना जाता है। अब तक ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, कनाडा और न्यूजीलैंड सहित कुल 9 देश इसकी मेजबानी कर चुके हैं। सबसे ज्यादा 5 बार मेजबानी का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है।

कॉमनवेल्थ की टीम दो बार गुजरात का दौरा कर चुकी कॉमनवेल्थ स्पोर्ट वह संस्था है, जो तय करती है कि आयोजन की मेजबानी किस देश या शहर को मिलेगी। कॉमनवेल्थ टीम दो बार गुजरात का दौरा कर चुकी है, जहां उसने अहमदाबाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर और तैयारियों का निरीक्षण किया।
केंद्र सरकार ने बोली लगाने की मंजूरी दी 7 जून 2025 को भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने लंदन तीन प्रेजेंटेशन के बाद सरकार से औपचारिक बातचीत की। इसके बाद केंद्र सरकार ने 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की बोली लगाने को मंजूरी दी। 29 अगस्त 2025 को राष्ट्रीय खेल दिवस पर हर्ष संघवी, पी.टी. उषा और अन्य अधिकारियों ने लंदन में आधिकारिक बोली जमा की।
बोली में अहमदाबाद को एक आधुनिक, कॉम्पैक्ट और हाई-स्टैंडर्ड गेम्स सिटी के रूप में पेश किया गया है। खिलाड़ियों, अधिकारियों और दर्शकों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हैं। मुख्य वेन्यू के तौर पर नरेंद्र मोदी स्टेडियम, नारणपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, और सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एंक्लेव को प्रस्तावित किया गया है।

भारत और कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास भारत और कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास भी इस मेजबानी को खास बनाता है। 2010 दिल्ली गेम्स में 71 देशों के 6081 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। यदि 2030 की मेजबानी अहमदाबाद को मिलती है, तो यह कॉमनवेल्थ गेम्स के 100 साल पूरे होने वाले विशेष संस्करण की मेजबानी होगी।

बर्मिंघम कॉमनवेल्थ में 61 मेडल जीते 2022 बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में 72 देशों के 5000 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया था। भारत ने कुल 61 मेडल जीते 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज। इनमें से 30 मेडल सिर्फ कुश्ती, वेटलिफ्टिंग और एथलेटिक्स से आए थे। महिला क्रिकेट टीम ने भी सिल्वर मेडल जीता था।

2026 ग्लासगो गेम्स में भारत के लिए झटका

2026 ग्लासगो गेम्स में बजट कारणों से शूटिंग, कुश्ती, हॉकी और टी20 क्रिकेट को हटा दिया गया है, ये वे स्पोर्ट्स हैं जिनमें भारत हमेशा मजबूत रहा है। 2030 में कौन-कौन से खेल शामिल होंगे, यह मेजबान देश तय करेगा। ऐसे में भारत को उम्मीद है कि उसके बेहतर इवेंट शामिल किए जाएंगे।

कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास भी दिलचस्प है। यह एक मल्टी-स्पोर्ट्स अंतरराष्ट्रीय आयोजन है, जिसमें ब्रिटिश शासन वाले देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। फिलहाल इसमें 54 सदस्य देश हैं। इन गेम्स की शुरुआत 1930 में कनाडा के हैमिल्टन शहर से हुई थी। पहले इसे ब्रिटिश एम्पायर गेम्स कहा जाता था। 1978 से इसका नाम ‘कॉमनवेल्थ गेम्स’ हो गया।



