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- China Denies Misconduct With Indian Woman At Shanghai Airport; Calls Arunachal Born Passenger’s Passport Invalid
बीजिंग5 मिनट पहले
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चीन ने अरुणाचल प्रदेश में जन्मी भारतीय महिला पेम वांगजॉम थांगडॉक के साथ शंघाई एयरपोर्ट पर बदसलूकी के आरोपों को नकार दिया है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि महिला के साथ कोई जबरदस्ती, हिरासत या परेशान करने जैसा व्यवहार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि एयरलाइन ने महिला को आराम, पानी और खाने की सुविधा भी दी।
ब्रिटेन में रहने वाली भारतीय पेम ने आरोप लगाया था कि चीनी अधिकारियों ने उनके भारतीय पासपोर्ट को अवैध बताया था, क्योंकि उसमें जन्मस्थान के तौर पर अरुणाचल प्रदेश लिखा हुआ था। वह 21 नवंबर को लंदन से जापान जा रही थीं। शंघाई पुडोंग एयरपोर्ट पर उनका 3 घंटे का ट्रांजिट था।
पासपोर्ट जब्त किया, फ्लाइट में नहीं चढ़ने दिया
पेम ने आरोप लगाया कि उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया और लीगल वीजा होने के बावजूद उन्हें जापान जाने वाली अगली फ्लाइट में चढ़ने नहीं दिया गया।
पेम ने यह भी आरोप लगाया कि वहां मौजूद कई इमिग्रेशन अधिकारी और चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस के कर्मचारी उनके साथ मजाक उड़ाते रहे, हंसते रहे और उन पर चीनी पासपोर्ट के लिए अप्लाई करने को लेकर तंज कसा।
पेम ने कहा कि जो 3 घंटे का ट्रांजिट होना चाहिए था, वह उनके लिए 18 घंटे का परेशान करने वाला हादसा बन गया। उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्हें न सही जानकारी दी गई, न ठीक से खाना मिला और न ही एयरपोर्ट की सुविधाएं इस्तेमाल करने दी गईं।

चीन का शंघाई एयरपोर्ट जहां पेम को रोका गया था।
भारतीय दूतावास की मदद से बाहर निकलीं पेम
ट्रांजिट जोन में फंसने की वजह से पेम न तो नया टिकट बुक कर पा रही थीं, न खाने के लिए कुछ खरीद पा रही थीं और न ही एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल जा सकती थीं।
पेम ने दावा किया कि अधिकारियों ने बार-बार दबाव डाला कि वे चाइना ईस्टर्न की ही नई टिकट खरीदें और पासपोर्ट तभी लौटाया जाएगा। इससे उन्हें फ्लाइट और होटल बुकिंग के पैसे का भारी नुकसान हुआ।
आखिरकार पेम ने ब्रिटेन में मौजूद एक दोस्त की मदद से शंघाई में भारतीय दूतावास से संपर्क किया। भारतीय अधिकारियों ने उन्हें रात की एक फ्लाइट में बैठाकर शंघाई से बाहर निकलने में मदद की।
उन्होंने भारतीय सरकार से मांग की है कि वह इस मुद्दे को बीजिंग के सामने उठाए और इमिग्रेशन अधिकारियों और एयरलाइन स्टाफ पर कार्रवाई की मांग करे। साथ ही यह भी तय किया जाए कि भविष्य में अरुणाचल प्रदेश के भारतीय नागरिकों को ऐसी परेशानी न झेलनी पड़े।
चीन अरुणाचल को अपना हिस्सा मानता है
चीन लगातार दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का नहीं, बल्कि उसका हिस्सा है। इसी वजह से वह कई बार भारतीय नागरिकों, खासकर अरुणाचल में जन्मे लोगों के दस्तावेज मानने से इनकार कर देता है।
चीन का कहना है कि अरुणाचल को वह दक्षिण तिब्बत मानता है, जबकि भारत साफ तौर पर कहता है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न राज्य रहा है।
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