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वॉशिंगटन डीसी5 घंटे पहले
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तस्वीर रूसी दूत किरिल दिमित्रिएव (बाएं) और ट्रम्प प्रशासन के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ (दाएं) की है। (फाइल फोटो)
यूक्रेन जंग खत्म करने को लेकर अमेरिकी और रूसी अधिकारियों की सीक्रेट मीटिंग को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। रॉयटर्स के मुताबिक अक्टूबर में हुई इस मीटिंग की जानकारी अमेरिकी विदेश विभाग और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के कई अधिकारियों को नहीं थी।
मीटिंग इतनी सीक्रेट थी कि सरकार की सामान्य प्रक्रिया को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया। कई अधिकारियों को न इसके बारे में जानकारी दी गई और न कोई आधिकारिक मंजूरी ली गई। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसे लेकर सरकार के अंदर नाराजगी है।
इसी मीटिंग में 28 प्लान वाला प्रपोजल बनाया गया था। फ्लोरिडा के मियामी में हुई इस बैठक में ट्रम्प प्रशासन के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ, ट्रम्प के दामाद जारेड कुशनर और रूस के किरिल दिमित्रिएव शामिल हुए थे।
दिमित्रिएव रूस के बड़े सॉवरेन फंड RDIF के चीफ हैं। उन पर 2022 से अमेरिकी प्रतिबंध लगे हुए हैं। अमेरिका ने उन्हें आने के लिए छूट दी थी। दिमित्रिएव को पुतिन का करीबी माना जाता है। यूक्रेन जंग पर अमेरिका से बातचीत में उनकी अहम भूमिका रही है।

अमेरिकी संसद (कांग्रेस) में भी इस बैठक पर सवाल उठ रहे हैं कि विटकॉफ और कुशनर ने प्रतिबंधित रूसी अधिकारी से मिलकर कैसे एक प्रस्ताव तैयार कर लिया। (फाइल फोटो)
यूक्रेन जंग रोकने ट्रम्प का 28 पॉइंट प्लान
ट्रम्प प्रशासन ने बैठक के बाद एक 28 पॉइंट का प्लान तैयार किया है। इसके मुताबिक यूक्रेन को अपना लगभग 20% हिस्सा रूस को देना होगा। इसमें पूर्वी यूक्रेन का डोनबास का इलाका शामिल है। यूक्रेन मात्र 6 लाख जवानों वाली सेना ही रख सकेगा।
नाटो में यूक्रेन की एंट्री नहीं होगी। नाटो सेनाएं यूक्रेन में नहीं रहेंगी। प्लान में कहा गया है कि रूस द्वारा शांति प्रस्तावों को मानने पर उस पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया जाएगा। साथ ही यूरोप में जब्त की गई लगभग 2000 करोड़ रुपए की संपत्ति भी डीफ्रीज होगी।
ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्त्ज ने शुक्रवार को कहा कि उनका देश यूक्रेन के साथ हैं।

जेलेंस्की को 27 नवंबर का अल्टीमेटम
ट्रम्प ने कहा है कि मुझे भरोसा है कि यूक्रेन मेरे पीस प्लान को स्वीकार करेगा। ट्रम्प ने 27 नवंबर तक जेलेंस्की को प्लान पर जवाब देने का अल्टीमेटम दिया हुआ है।
इस बीच शुक्रवार देर रात को रूस ने अमेरिकी प्लान का समर्थन किया है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि ट्रम्प का ये प्लान यूक्रेन में स्थायी शांति का आधार बनेगा।
जेलेंस्की बोले- हम अपनी जमीन खोने की कगार पर
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि हम अपनी जमीन और जमीर को खोने के कगार पर हैं। रूस के साथ युद्ध के चार साल के दौरान पहली बार यूक्रेन के सामने दोराहे के हालात हैं। हमने शर्तें मानी तो अपने देश का एक बड़ा हिस्सा खो देंगे। साथ ही जिस जज्बे और जमीर से हम रूस के खिलाफ लड़ रहे थे उसे भी गंवा बैठेंगे।
जेलेंस्की ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा अगर यूक्रेन ने शर्तें नहीं मानी तो वह अमेरिका के जैसे एक अच्छे पार्टनर को खो देगा। जेलेंसकी ने कहा- मैं अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ इस बारे में बातचीत करना चाहता हूं। जिससे कि यूक्रेन के पक्ष को और मजबूती से रखा सके।

ट्रम्प और जेलेंस्की के बीच आखिरी बार 17 अक्टूबर को व्हाइट हाउस में बंद कमरे में मुलाकात हुई थी।
यूक्रेन पीस प्लान को चार पार्ट में बांटा
यह 28 पॉइंट प्लान ट्रम्प प्रशासन के गाजा पीस प्लान से प्रेरित बताया जा रहा है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह योजना दोनों पक्षों (रूस और यूक्रेन) से इनपुट लेकर तैयार की गई है, लेकिन यूक्रेनी अधिकारियों ने दावा किया है कि उन्हें इसमें शामिल नहीं किया गया।
संभावित योजना को चार पार्ट में बांटा गया है-
1-7: यूक्रेन में शांति (क्षेत्रीय और सैन्य व्यवस्था)
- क्रीमिया का पूर्ण रूसी नियंत्रण: यूक्रेन क्रीमिया (2014 से रूसी कब्जे में) पर रूस का स्थायी और पूर्ण नियंत्रण मान्य करेगा।
- डोनबास सौंपना : डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों के शेष हिस्से (कुल 14.5% जो अभी यूक्रेन के नियंत्रण में हैं) रूस को सौंप दिए जाएंगे।
- जापोरिज्जिया और खेरसॉन में फ्रीज लाइन: इन दक्षिणी क्षेत्रों में मौजूदा युद्ध रेखा को स्थायी रूप से फ्रीज कर दिया जाएगा।
- डोनबास को डीमिलिटराइज्ड जोन: डोनबास को डीमिलिटराइज्ड घोषित किया जाएगा, जहां न यूक्रेन न रूस सैनिक तैनात कर सकेगा।
- यूक्रेनी सेना का आकार सीमित: यूक्रेन की सेना को 60% तक कम करना होगा (अधिकतम 4 लाख सैनिक)।
- लंबी दूरी के हथियारों पर प्रतिबंध: यूक्रेन लंबी दूरी के मिसाइलों और रूस पर हमला करने वाले अन्य उन्नत हथियारों का उपयोग या रखरखाव नहीं कर सकेगा।
- सैन्य वापसी: यूक्रेन डोनबास से अपनी सेनाओं को पूरी तरह वापस ले लेगा।
8-14: सुरक्षा गारंटी (यूक्रेन और यूरोप के लिए)
- अमेरिकी सुरक्षा गारंटी: अमेरिका यूक्रेन को भविष्य के रूसी आक्रमण से बचाने के लिए नाटो-शैली की सुरक्षा गारंटी देगा।
- यूरोपीय सुरक्षा: यूरोप को रूसी विस्तार से बचाने के लिए अमेरिका नेतृत्व में संयुक्त सुरक्षा तंत्र स्थापित होगा।
- नाटो सदस्यता पर स्थायी प्रतिबंध: यूक्रेन हमेशा के लिए नाटो में शामिल न होने का लिखित वादा करेगा।
- पश्चिमी शांति सेना पर रोक: युद्धविराम के बाद नाटो या पश्चिमी देशों की शांति सेना यूक्रेन में तैनाती पर पूर्ण प्रतिबंध।
- रूसी भाषा और चर्च के अधिकार: यूक्रेन में रूसी भाषा, मीडिया और रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च के अधिकारों की गारंटी दी जाएगी।
- मीडिया और शिक्षा से प्रतिबंध हटेंगे: यूक्रेन और रूस दोनों देश रूसी/यूक्रेनी मीडिया और शिक्षा पर किसी भी भेदभावपूर्ण प्रतिबंध को हटाएंगे।
- युद्ध अपराधों पर सामान्य क्षमा: सभी पक्षों को युद्ध के दौरान की कार्रवाइयों पर सामान्य क्षमा मिलेगी (रूसी अधिकारियों और सैनिकों पर युद्ध अपराध मुकदमों पर रोक)।
15-21: यूरोप में सुरक्षा (क्षेत्रीय स्थिरता)
- यूरोपीय संघ की भूमिका: यूरोपीय संघ को शांति प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा, लेकिन सैन्य हस्तक्षेप सीमित।
- सीमा सुरक्षा: यूक्रेन-रूस सीमा पर संयुक्त निगरानी तंत्र स्थापित।
- आर्थिक पुनर्निर्माण: रूस यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों के पुनर्निर्माण के लिए मुआवजा देगा (डोनबास पर किराया भुगतान सहित)।
- काला सागर में नेविगेशन: काला सागर में फ्री नेविगेशन सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त समझौता।
- ऊर्जा सुरक्षा: यूरोप के लिए रूसी गैस आपूर्ति पर निर्भरता कम करने के उपाय, लेकिन युद्ध के बाद बहाली।
- मानवीय सहायता: युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल मानवीय सहायता और शरणार्थी वापसी की योजना।
- चुनावों का आयोजन: शांति समझौते के 100 दिनों के भीतर यूक्रेन में स्वतंत्र चुनाव कराए जाएंगे।
22-28: भविष्य की अमेरिकी भूमिका (दीर्घकालिक संबंध)
- अमेरिका-रूस संबंध सुधार: अमेरिका और रूस के बीच आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को सामान्य करने के कदम।
- अमेरिका-यूक्रेन सहयोग: सैन्य सहायता के बजाय आर्थिक और तकनीकी सहयोग पर फोकस।
- कतर और तुर्की की मध्यस्थता: शांति प्रक्रिया में कतर और तुर्की को मध्यस्थ के रूप में शामिल।
- मॉस्को की पूर्व शर्तें: रूस की 2024 की पूर्व शर्तें (तटस्थता, क्षेत्र) को मान्यता।
- युद्धविराम: सभी पक्ष सहमत होने पर तत्काल युद्धविराम, और दोनों पक्ष तय बिंदुओं पर पीछे हटेंगे।
- निगरानी: संयुक्त आयोग (अमेरिका, रूस, यूक्रेन) समझौते की निगरानी करेंगे।
- समीक्षा: समझौते के 5 वर्ष बाद समीक्षा, जिसमें क्षेत्रीय विवादों का समाधान शामिल।
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