दिल्ली ब्लास्ट मामले में आतंकी जसीर बिलाल वानी पटियाला हाउस कोर्ट से राहत मिली है. अदालत ने जसीर को NIA हिरासत के दौरान वकील से मिलने की इजाजत दे दी है. शुक्रवार को इसी मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने जसीर बिलाल को राहत नहीं दी थी, जिसमें उसने NIA मुख्यालय में अपने वकील से मुलाकात की इजाजत मांगी थी. हाई कोर्ट ने इसे सुनवाई के लिए दोबारा ट्रायल कोर्ट के पास भेज दिया था.
हाई कोर्ट ने इन दलीलों पर कर दिया था इनकार
हाई कोर्ट ने इनकार करते हुए कहा था कि इस तरह का आदेश देने का कोई ठोस कारण और रिकॉर्ड मौजूद नहीं है. मामले की सुनवाई जस्टिस स्वर्ण कांत शर्मा ने की थी. उन्होंने कहा था कि वाणी की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं दिखाया गया था, जिसमें NIA ने उनकी मांग को ठुकराया था. इस पर हाई कोर्ट ने किसी भी नई प्रक्रिया शुरू करने से इनकार कर दिया था.
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि यह कोई खास मामला नहीं था. सिर्फ मौखिक रूप से कह देने से हम किसी बात को नहीं मान सकते. कोर्ट ने इस मामले में तय प्रक्रिया अपनाने की बात कही थी. साथ ही एक आरोपी के लिए इसे बदलने को लेकर इनकार किया था. इस मामले को वापस ट्रायल कोर्ट के पास भेज दिया था, जिसपर सुनवाई होनी थी.
NIA ने बताया था साजिशकर्ता
जांच एजेंसी ने जसीर बिलाल वानी को आतंकी उमर उन नबी को सक्रिय सह-साजिशकर्ता बताया था. वानी कश्मीर के कांजीगुंड, अनंतनाग का रहने वाला है. उसको 17 नवंबर को गिरफ्तार किया था. आरोप लगा है कि वह ड्रोन को मॉडिफाई कर रहा था, और आतंकियों की मदद कर रहा था. इससे पहले वह रॉकेट बनाने की कोशिश भी कर रहा था. उसी ने आत्मघाती उमर के साथ हमले की साजिश रची थी. एजेंसी ने साफ कहा है कि वानी हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में अहम भूमिका निभाने वाला व्यक्ति है.


