
गूगल क्रोम
CERT-In Warning: भारत की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने एक एडवाइजरी जारी की है और अगर आप गूगल क्रोम यूज करते हैं तो आपके लिए इसको जानना बेहद जरूरी है। CERT-In के तरफ से अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम पर गूगल क्रोम पर असर डालने वाली कई कमजोरियों के बारे में एक एडवाइजरी जारी की गई है। CERT-In का लेटेस्ट बुलेटिन जो शुक्रवार को पब्लिश हुआ है इसमें खोजी गई कमजोरियों को हाई-रिस्क वाले जोखिम के तौर पर हाईलाइट किया गया है।
इस साइबरसिक्योरिटी फर्म के मुताबिक हैकर्स इन कमजोरियों का इस्तेमाल करके दूर से ही किसी भी जोखिम वाले सिस्टम पर दूर से ही साइबर अटैक कर सकते हैं और रिमोट एक्सेस के जरिए आपके गूगल क्रोम के जरिए की जा रही एक्टिविटी पर कंट्रोल कर सकते हैं। लिहाजा Windows, macOS, and Linux पर गूगल क्रोम यूज करने वाले सभी इंडीविजुअल यूजर्स और संस्थानों को एडवाइजरी दी गई है कि वो अपने वेब ब्राउजर को तुरंत अपडेट कर लें और इसके लेटेस्ट वर्जन का इस्तेमाल करें।
CERT-In ने गूगल क्रोम यूजर्स के लिए चेतावनी जारी की
अपने एडवाइजरी नोट CIVN-2025-0330 में इस साइबर सिक्योरिटी एजेंसी ने Windows, macOS, and Linux के लिए Google Chrome में दो अलग-अलग कमजोरियों को उजागर किया है। इन्हें CVE-2025-13223 और CVE-2025-13224 के तौर पर आइडेंटिफाई किया गया है और इनपर रिस्क को ‘हाई’ घोषित किया है। दावा किया गया है कि इन कमजोरियों से सिस्टम को नुकसान पहुंच सकता है और सर्विसेज बाधित हो सकती हैं।
दूर बैठा साइबर अटैकर भी पहुंचा सकता है नुकसान
साइबर सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक ये खामियां किसी दूर बैठे साइबर अटैकर को असुरक्षित कंप्यूटर पर मनमाना कोड ऑर्बिट करने की अनुमति दे सकती हैं। यह टाइप कफ्यूजन के कारण होता है। ये एक ऐसी स्थिति है जहां कोड का एक पीस किसी ऐसे डेटा टाइप का उपयोग करके सोर्स तक पहुंचने की कोशिश करता है जो ऑब्जेक्ट के रियल टाइप के साथ मिसमैच होता है।
गूगल ने उठाए हैं सेफ्टी कदम
इस टेक जाएंट ने कहा कि उसने सभी ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए स्टेबल चैनल को अपडेट कर दिया है और आने वाले दिनों और हफ्तों में आवश्यक सुधारों के साथ अपडेट जारी कर दिए जाएंगे।
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