मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मनमोहन वैद्य की किताब ‘हम और यह विश्व’ के विमोचन में शुक्रवार (21 नवंबर, 2025) को देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए. उन्होंने आरएसएस नेता की किताब की काफी तारीफ की. इसके साथ ही उन्होंने हंसी मजाक में कई बातें भी कहीं. बता दें कि जगदीप धनखड़ ने पद छोड़ने के बाद पहली बार सार्वजनिक मंच पर भाषण दिया है.
जगदीप धनखड़ ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, ‘इस विषय पर, पुस्तक के विमोचन पर, इस शहर में, मुझे बोलने में संकोच नहीं होना चाहिए. इस कार्यक्रम में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है. इस पुस्तक के लेखक ने कहा मैं लेखक नहीं, लेकिन हम ऐसे जमाने में जी रहे हैं, जहां धारणा सब तय करती है. फिर आप कुछ भी कहते रहिए.’
उन्होंने कहा कि ये पुस्तक हमारे गौरवशाली अतीत का दर्पण है. भविष्य निर्माण के लिए प्रेरणादायक है. ये पुस्तक सोए हुए को जगा देगी. मैंने विचार विमर्श के बाद तय किया. मैं अब अंग्रेजी में संबोधन करूंगा जो समझना नहीं चाहते है, जो समझ नहीं रहे हैं. उन्हें उन्हीं की भाषा में जवाब दूंगा.
मैं अपना उदाहरण नहीं दे रहा हूं: धनखड़
पुस्तक पर ही बोलते हुए धनखड़ ने कहा कि भगवान करे कोई नारेटिव के चक्कर में न फंस जाए. मैं अपना उदाहरण नहीं दे रहा हूं. ये सब पुस्तक के बारे में कह रहा हूं, यहां उम्मीद की एक किरण है. उन्हें बार बार सहयोगी भाषण के दौरान फ्लाइट देरी को लेकर बता रहे थे. इसे लेकर उन्होंने कहा, ‘मैं फ्लाइट पकड़ने की चिंता से अपने कर्तव्य को नहीं छोड़ सकता और मेरा हाल ही का अतीत इसका उदाहरण है.’
रविंद्र भवन में हुआ पुस्तक का विमोचन
सुरुचि प्रकाशन द्वारा ‘हम और यह विश्व’ पुस्तक का लोकार्पण 21 नवम्बर 2025 को भोपाल के रविन्द्र भवन में आयोजित किया गया. यह पुस्तक सामाजिक, राष्ट्रीय और आर्थिक विषयों पर भारतीय दृष्टिकोण को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करती है. लेखक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. मनमोहन वैद्य हैं.
21 जुलाई को दिया धनखड़ ने इस्तीफा
बता दें कि जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 21 जुलाई को अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. 12 सितंबर को अपने उत्तराधिकारी सी.पी. राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में चुपचाप उपस्थित रहने के अलावा सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए. थे.


