
जी हां, आपको बता दें, यह स्कीम है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना यानी PMFBY। स्कीम की शुरुआत 18 फरवरी 2016 को हुई थी। इस योजना का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं-जैसे ओलावृष्टि, सूखा, बाढ़ और साथ ही कीट और बीमारियों से होने वाली फसल क्षति के खिलाफ आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए एक किफायती फसल बीमा योजना है, जिसे बीमा कंपनियों और बैंकों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से लागू किया जाता है। यह योजना देशभर के 50 करोड़ से अधिक किसानों को कवर करती है और 50 से ज्यादा फसलों का बीमा प्रदान करती है।
योजना के मुख्य उद्देश्य
किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों या बीमारियों से फसल खराब होने पर वित्तीय सुरक्षा देना, कृषि कार्य का निरंतर संचालन सुनिश्चित करना और आय में अस्थिरता को कम करना, किसानों को नई तकनीकें, आधुनिक कृषि पद्धतियां और बेहतर उत्पादकता अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना, किसानों को विभिन्न फसलों की ओर आकर्षित करना, जिससे जोखिम कम हो और उत्पादन क्षमता बढ़े और किसानों की ऋण-क्षमता में सुधार और कृषि सेक्टर की वृद्धि और प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करना है।
जान लीजिए इसके फायदे
किफायती प्रीमियम
योजना (PMFBY) के अंतर्गत किसानों को बेहद कम प्रीमियम देना होता है। इनमें खरीफ खाद्यान्न एवं तिलहन फसलों पर सिर्फ 2%, रबी खाद्यान्न एवं तिलहन फसलों पर 1.5%, वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों पर 5% और बाकी प्रीमियम सरकार वहन करती है। उत्तर-पूर्वी राज्यों, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए पूरा प्रीमियम सरकार द्वारा भुगतान किया जाता है।
व्यापक सुरक्षा कवरेज
यह योजना प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, कीट और बीमारियों से होने वाले नुकसान को कवर करती है। फसल कटाई के बाद होने वाले स्थानीय जोखिम-जैसे ओला, भूस्खलन आदि से होने वाली क्षति भी इसमें शामिल है।
समय पर मुआवज़ा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रयास है कि फसल कटाई के बाद दो महीने के भीतर दावों का निपटारा किया जाए, ताकि किसानों को तुरंत आर्थिक सहायता मिले और वे कर्ज़ के संकट में न फंसें।
तकनीक आधारित पारदर्शी प्रक्रिया
बीमा योजना में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है जैसे- सैटेलाइट इमेजिंग, ड्रोन सर्वे और मोबाइल ऐप्स आदि। इन तकनीकों के माध्यम से फसल नुकसान का सटीक आकलन किया जाता है, जिससे दावों का निपटारा अधिक पारदर्शी और तेज़ी से हो पाता है।
कौन सा रिस्क होता है कवर
उपज हानि (खड़ी फसलें): सरकार किसानों को उन हानियों के लिए बीमा सुरक्षा प्रदान करती है, जो नियंत्रण से बाहर प्राकृतिक जोखिमों के कारण होती हैं, जैसे-प्राकृतिक आग और बिजली गिरना, आंधी, ओलावृष्टि, तूफान, बवंडर आदि। इसके अलावा, बाढ़, जलभराव और भूस्खलन और कीट एवं बीमारियों का जोखिम कवर होता है।
बुआई न हो पाना : कई बार मौसम प्रतिकूल होने के कारण किसान बुआई या रोपाई नहीं कर पाते, जबकि खर्च पहले ही हो चुका होता है। ऐसी स्थिति में नोटिफाइड क्षेत्र के बीमित किसानों को बीमा राशि का अधिकतम 25% तक मुआवज़ा दिया जाता है।
कटाई के बाद होने वाली हानि: कटाई के बाद खेत में “कट एंड स्प्रेड” स्थिति में 14 दिनों तक रखी गई फसल यदि चक्रवात या चक्रवाती बारिश से क्षतिग्रस्त हो जाए, तो सरकार व्यक्तिगत खेत स्तर पर बीमा कवरेज देती है। यह सुविधा उन फसलों के लिए है जिन्हें धूप में सुखाने के लिए खेत में फैलाया जाता है।
स्थानीय आपदाएं: किसी विशेष खेत पर होने वाली स्थानीय आपदाओं को भी योजना के अंतर्गत कवर किया जाता है। इसमें ओलावृष्टि, भूस्खलन, जलभराव शामिल हैं। ऐसी स्थानीय घटनाओं से होने वाली फसल क्षति पर भी किसान बीमा दावा कर सकते हैं।
स्कीम के लिए क्या है पात्रता
- सभी किसान, जिसमें नोटिफाइड इलाकों में नोटिफाइड फसलें उगाने वाले किराएदार किसान और बटाईदार किसान शामिल हैं।
- किसानों का इंश्योर्ड फसलों में इंश्योरेंस वाला हिस्सा होना चाहिए।
- किसानों के पास एक वैलिड और ऑथेंटिकेटेड लैंड ओनरशिप सर्टिफिकेट या एक वैलिड लैंड टेन्योर एग्रीमेंट होना चाहिए।
- किसान इंश्योर्ड ज़मीन पर खेती करने वाला या बटाईदार होना चाहिए।
- किसान को तय समय के अंदर, आमतौर पर बुवाई का मौसम शुरू होने के 2 हफ़्ते के अंदर इंश्योरेंस कवरेज के लिए अप्लाई करना होगा।
- किसानों को उसी फसल के नुकसान के लिए किसी दूसरे तरीके या सोर्स से मुआवज़ा नहीं मिला हो।
कैसे कर सकते हैं अप्लाई
आप इस स्कीम के तहत ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से अप्लाई कर सकते हैं। ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए आपको योजना से जुड़ी वेबसाइट https://pmfby.gov.in/ पर जाना होगा और ऑफलाइन के लिए पास के बैंक या इंश्योरेंस ऑफिस जाना चाहिए, और स्टाफ से एप्लीकेशन फॉर्म का तय फॉर्मेट मांगना चाहिए। यहां एप्लीकेशन फॉर्म में, सभी जरूरी फील्ड भरें, पासपोर्ट साइज़ की फोटो चिपकाएं और सभी ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स की कॉपी अटैच करें। सही तरीके से भरा और साइन किया हुआ एप्लीकेशन फॉर्म, डॉक्यूमेंट्स की अटैच्ड कॉपी के साथ स्टाफ को जमा करें। ऑफिस में लागू प्रीमियम अमाउंट पे करें। आपको एक एप्लीकेशन रेफरेंस नंबर दिया जाएगा जिसका इस्तेमाल आप अपने एप्लीकेशन का स्टेटस ट्रैक करने के लिए कर सकते हैं। आप PMFBY वेबसाइट पर होम पेज पर ‘एप्लीकेशन स्टेटस’ ऑप्शन के ज़रिए एप्लीकेशन स्टेटस ट्रैक कर सकते हैं।


