जानवी जिंदल स्केटिंग करते हुए।
चंडीगढ़ की 18 साल की जानवी जिंदल ने फ्री स्टाइल स्केटिंग में 11 लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड कायम किए हैं। वह भारत में ऐसा रिकॉर्ड कायम करने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं। हालांकि क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बाद उनका दूसरा नंबर है, सचिन के नाम पर 19 रिकॉर्ड हैं
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वहीं, उनके यहां तक के सफर की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। कोई प्रोफेशनल कोच नहीं है; बल्कि पापा ने खुद यूट्यूब, इंस्टाग्राम व फेसबुक पर वीडियो देखकर उसे ट्रेनिंग देना शुरू की। वह पेशे से मैनेजर हैं। वह बेटी के साथ खुद जुटते हैं, ताकि उसे अपने लक्ष्य तक पहुंचाया जा सके। अब तक 21 मेडल उसके नाम है। वहीं, चंडीगढ़ के दो बार स्टेट अवॉर्ड जीत चुकी है।

जानवी अपने रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देते हुए।
जानवी की कामयाबी का सफर 5 पॉइंट में जानिए…
- ऋषिकेश में पहचाना था टैलेंट: जानवी के पिता मुनीश जिंदल बैंकिंग लाइन में हैं। उन्होंने बताया कि जब बेटी 10 साल की थी तो रिवर राफ्टिंग के लिए ऋषिकेश गए थे। उनका 30 से 35 लोगों का ग्रुप था। चूंकि कम उम्र के कारण जानवी राफ्टिंग नहीं कर सकती थी, इसलिए रिवर जंपिंग के लिए कहा गया। यहां पर दो कैटेगरी थीं 15 से 30 फुट वाली, लेकिन सारे लोग पहली बार में पीछे हट गए। जानवी ने 3 बार जंपिंग की। इसके बाद कहा “मैं और करूंगी”। इससे उन्हें पता चल गया कि यह एडवेंचर स्पोर्ट्स करेगी।
- स्केट पहनते ही लग गए पंख: जानवी ने बताया स्केटिंग का सफर 8 साल पहले हुई थी। इसके बाद एक दिन शॉपिंग के लिए मार्केट जा रहे थे, तो वहां एक शॉप पर उसने स्केट पहने। उस दौरान वह प्रोफेशनल की तरह स्केटिंग करने लगी। करीब एक से तीन मीटर तक आगे चली गई। इससे अंदाजा हुआ कि इस लाइन में वह कुछ कर सकती है।
- मार्केट बंद होने के बाद सड़कों पर प्रेक्टिस: जानवी ने कहा- कई नई चुनौतियां भी थीं। चंडीगढ़ या इसके आसपास फ्री स्केटिंग/एडवेंचर स्केटिंग की कोई कोचिंग नहीं थी। ऐसे में पिता ने खुद ही यह मोर्चा संभाल लिया। इंटरनेट पर कई यूट्यूब वीडियो देखे और कई कोच की घंटों बातें सुनीं। जो सीखा, उसे पिता ने बेटी को सिखाने की कोशिश की। जब सेक्टर-22 की मार्केट बंद हो जाती थी, तो वे वहीं उसे सिखाते थे।
- 2 साल के संघर्ष के बाद पहला मेडल: जानवी ने बताया- 2 साल के सफर में उसने पहला मेडल जीत लिया। इसके बाद जब उसे पहली बार नेशनल गेम्स में जाना था, तो उसे डेंगू हो गया। इसके बावजूद जानवी ने हिम्मत नहीं हारी और मेडल जीता। वह लगातार 6 साल से नेशनल चैंपियन है।
- दो साल के संघर्ष में 11 मैडल: पिता मुनीश जिंदल ने कहा- 2023 में उनके मन में आया कि बेटी को कुछ अलग करवाना है। इसके बाद उन्होंने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए ट्राई किया। हालांकि पहली बार उन्हें सफलता नहीं मिली, पर वह पीछे नहीं हटीं। 2024 में उन्होंने 5 और और 2025 में 6 रिकॉर्ड अपने नाम किए।
प्राइवेट से सरकारी स्कूल तक का सफर जानवी के पिता ने बताया कि वे पहले उसे नामी प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते थे, लेकिन वह चाहते थे कि बेटी हर स्थिति का आसानी से मुकाबला कर सके और आत्मनिर्भर बने। इसलिए उन्होंने उसे सरकारी स्कूल में दाखिल कराया, जहां उसने वर्ग के बच्चों के साथ आगे बढ़ना सीखा। अब वह सेक्टर-16 मॉडल में कॉमर्स विषय की पढ़ाई कर रही है।

क्या है फ्री स्टाइल स्केटिंग, जिसमें जानवी ने रिकॉर्ड बनाया फ्री स्टाइल स्केटिंग इनलाइन स्केटिंग का एक तरीका है जिसमें स्केटर बिना किसी तय पैटर्न के अपनी मर्जी से स्पिन, जंप, बैलेंस और विभिन्न ट्रिक्स करते हुए स्केटिंग करता है। इसमें कला, नियंत्रण, तेजी और संतुलन का मेल होता है। इसमें स्केटर को कोन के बीच स्लैलम, एक पहिये पर घूमना, 360 डिग्री स्पिन, फुट चेंज और अलग-अलग स्टाइलिश मूवमेंट करने की पूरी आजादी होती है। यही आजादी और रचनात्मकता इसे “फ्री स्टाइल” बनाती है।


