दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं जहां MBBS की पढ़ाई भारत की तुलना में बहुत कम खर्च में की जा सकती है और इन्हीं देशों में कजाकिस्तान सबसे लोकप्रिय माना जाता है. हर साल हजारों भारतीय छात्र यहां कम फीस, आसान एडमिशन और अच्छी मेडिकल सुविधाओं की वजह से आते हैं. कजाकिस्तान में MBBS की पढ़ाई कुल 5 साल की होती है और इसे दुनिया के सबसे सस्ते मेडिकल कोर्स में गिना जाता है.
यहां एडमिशन के लिए किसी कठिन प्रवेश परीक्षा की जरूरत नहीं होती, बस 12वीं क्लास में कम से कम 50% अंक चाहिए और PCB सब्जेक्ट होना जरूरी है. कुछ जगहों पर NEET स्कोर भी मांगा जाता है, लेकिन कई यूनिवर्सिटीज में बिना NEET के भी दाखिला मिल जाता है, हालांकि भारत में आगे डॉक्टर की प्रैक्टिस करने के लिए NEET पास होना जरूरी होता है.
पास करनी होती है ये परीक्षा
कजाकिस्तान की मेडिकल यूनिवर्सिटीज WHO और NMC द्वारा मान्यता प्राप्त हैं, इस वजह से यहां से डिग्री लेने के बाद भारत में डॉक्टर की प्रैक्टिस करने का रास्ता खुला रहता है. पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को Foreign Medical Graduate Examination पास करनी होती है, जो NMC द्वारा आयोजित की जाती है. इस परीक्षा को पास करने के बाद ही भारत में मेडिकल रजिस्ट्रेशन मिलता है. यहां की यूनिवर्सिटीज में आधुनिक लैब, हॉस्पिटल ट्रेनिंग और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मिलता है, जिससे छात्रों को पढ़ाई में काफी मदद मिलती है.
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कितना आता है खर्चा?
खर्च की बात करें तो कजाकिस्तान में MBBS करने का कुल खर्च लगभग 20 से 25 लाख रुपये तक आता है, जिसमें ट्यूशन फीस, हॉस्टल और अन्य जरूरी फीस शामिल होती है. भारत के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की तुलना में यह रकम काफी कम है, जहां MBBS की कुल फीस 70 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है. यही वजह है कि सीमित बजट में मेडिकल पढ़ाई करने वाले छात्र कजाकिस्तान को पहली पसंद मानते हैं.
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