Thursday, November 20, 2025
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ठंड में बढ़ने लगते हैं निमोनिया के मामले, ऐसे रखें खुद का ध्यान



सर्दियों का मौसम शुरू होते ही खांसी, जुकाम, बुखार जैसी समस्याएं लगभग हर घर में देखने को मिलती हैं. ठंडी हवा, तापमान में गिरावट और शरीर के इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण कई लोग जल्दी बीमार पड़ जाते हैं. शुरुआत में साधारण सर्दी-जुकाम लगता है, लेकिन कई बार यही हल्की बीमारी धीरे-धीरे बढ़कर निमोनिया जैसे गंभीर संक्रमण का रूप ले सकती है. खासकर बच्चे, बुजुर्ग, प्रेग्नेंट महिलाएं और पहले से बीमार लोग इस मौसम में ज्यादा प्रभावित होते हैं. 

सर्दी में शरीर का तापमान सामान्य से कम हो जाता है, जिससे वायरस और बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं. हमारी नाक और गले की नमी सूखने लगती है, जिससे संक्रमण आसानी से फेफड़ों तक पहुंच सकता है. यही वजह है कि ठंड का मौसम निमोनिया के मामलों को काफी बढ़ा देता है. तो आइए जानते हैं ठंड में निमोनिया क्यों बढ़ता है और ऐसे समय में खुद को कैसे सुरक्षित रखें. 

निमोनिया के मामले ठंड में क्यों बढ़ने लगते हैं?

1. ठंडी हवा फेफड़ों को कमजोर करती है – सर्दियों में सांस लेते समय बहुत ठंडी हवा फेफड़ों तक पहुंचती है. यह हवा फेफड़ों के ऊतकों को प्रभावित करती है, जिससे उनमें संक्रमण जल्दी लग जाता है. 

2. बंद कमरे और कम वेंटिलेशन – ठंड के कारण लोग खिड़कियां-दरवाजे बंद रखते हैं. ताजी हवा का आने-जाने का रास्ता बंद हो जाता है, जिससे वायरस जल्दी फैलते हैं और एक-दूसरे को संक्रमण देना आसान हो जाता है. 

3. इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाना – सर्दी में शरीर का तापमान गिरने के कारण इम्यूनिटी थोड़ी धीमी हो जाती है. ऐसे में शरीर संक्रमण से लड़ नहीं पाता और निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है. 

4. सूखी हवा का प्रभाव – ठंडी और सूखी हवा से हमारी नाक और गले की नमी कम हो जाती है. इससे वायरस और बैक्टीरिया आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. 

5. पहले से मौजूद बीमारियां तेज होना – अस्थमा, हार्ट हेल्थ, डायबिटीज या सीओपीडी वाले लोगों में सर्दी के दौरान फेफड़ों पर तनाव ज्यादा बढ़ता है. इसलिए उन लोगों को निमोनिया होने की संभावना बाकी लोगों से ज्यादा रहती है. 

ऐसे समय में खुद को कैसे सुरक्षित रखें?

1. गर्म कपड़े पहनें और ठंडी हवा से बचें – ठंडी हवा सीधे नाक और फेफड़ों तक पहुंचती है, इसलिए बाहर निकलते समय मफलर या मास्क जरूर पहनें. 

2. हाथों की साफ-सफाई बनाए रखें – वायरस तेजी से फैलते हैं, इसलिए हाथ बार-बार धोएं या सैनिटाइजर का यूज करें. 

3. घर में ताजी हवा आने दें – खिड़कियां थोड़ी देर के लिए खोलें ताकि कमरे में हवा का  अंदर- बहार जा सकें

4. भरपूर पानी पिएं –  ठंड में लोग पानी कम पीते हैं, जिससे शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है. पानी, सूप, काढ़ा या गर्म तरल पदार्थ लें. 

5. इम्यूनिटी बढ़ाने वाला खाना खाएं – फलों, सब्जियों, दालों, सूखे मेवों और विटामिन-सी से भरपूर चीजों का सेवन करें. 

6. धूम्रपान से दूर रहें – सिगरेट फेफड़ों को कमजोर करती है और निमोनिया का खतरा कई गुना बढ़ाती है. 

7. फ्लू और निमोनिया के टीके लगवाए – विशेषकर बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग फ्लू और निमोनिया के टीके लगवाए. टीके उन्हें गंभीर संक्रमण से बचाते हैं. 

8. बीमार लोगों से दूरी रखें – सर्दियों में संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है, इसलिए बीमार व्यक्ति से थोड़ी दूरी बनाए रखें. 

यह भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में अचानक क्यों बढ़ जाती है शुगर, भारती सिंह को यही हुई दिक्कत

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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