वॉशिंगटन डीसी5 घंटे पहले
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जेफ्री एपस्टीन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यह तस्वीर 1997 की है, जब दोनों ने फ्लोरिडा में एकसाथ पोज दिया।
अमेरिकी कांग्रेस (संसद) ने बुधवार को सेक्स ट्रैफिकिंग के दोषी जेफ्री एपस्टीन से जुड़ी सभी सीक्रेट फाइलें जारी करने के लिए न्याय विभाग को बाध्य करने वाला एक बिल पास किया। अमेरिकी कांग्रेस में यह बिल 427-1 वोटों के बहुमत से पास हुआ।
ट्रंप समर्थक और लुइसियाना के रिपब्लिकन प्रतिनिधि क्ले हिगिंस ने बिल के खिलाफ वोट किया। यह बिल अब ऊपरी सदन (सीनेट) को भेज दिया गया है। अगर वहां इसे मंजूरी मिल जाती है, तो इसे अंतिम मंजूरी और कानून बनाने के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प के पास भेजा जाएगा।
एपस्टीन से जुड़े कुछ दस्तावेज पहले से ही सार्वजनिक किए जा चुके हैं, लेकिन बड़ी संख्या में फाइलें अब भी सील हैं। इनमें नामी हस्तियों, नेताओं और सेलिब्रिटीज के नाम होने की संभावना है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि अगर संसद (दोनों सदन) से बिल पास हो जाता है, तो सभी फाइलें सार्वजनिक करने वाले बिल पर साइन कर देंगे।

ट्रम्प की तरफ से अचानक इस बिल को समर्थन देने के बाद हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में वोटिंग तय की गई।
ट्रम्प का बिल पर वीटो करने से इनकार
ट्रम्प ने साफ कहा है कि वह इस बिल को वीटो नहीं करेंगे। रविवार को उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि
हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, ये डेमोक्रेट्स का बनाया हुआ फर्जी मुद्दा है।

इससे पहले तक ट्रम्प इस मुद्दे को डेमोक्रेटिक होक्स यानी डेमोक्रेटिक पार्टी की बनाई हुई फर्जी कहानी बताते थे। साथ ही रिपब्लिकन नेताओं को इससे दूरी बनाने की सलाह देते थे।
इस मुद्दे पर रिपब्लिकन पार्टी के भीतर अलग-अलग राय है। कुछ रिपब्लिकन मानते हैं कि यह फाइलें डेमोक्रेट्स का ध्यान भटकाने का तरीका हैं। लेकिन कई रिपब्लिकन अब डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर सभी फाइलें सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं।

बिल को थॉमस मैसी, मारजोरी टेलर ग्रीन, लॉरेन बोएबर्ट और नैन्सी मेस जैसे रिपब्लिकन नेताओं ने समर्थन दिया है। इसे मैसी और डेमोक्रेट रो खन्ना मिलकर लेकर आए थे।
एपस्टीन फाइल्स पर ट्रम्प क्यों मान गए?
एपस्टीन फाइल्स को रिलीज करने से महीनों तक इनकार करने वाले ट्रम्प आखिरकार क्यों इसके समर्थन में आ गए हैं? राजनीतिक हलकों में यही सबसे बड़ा सवाल है। ट्रम्प का यू-टर्न अचानक नहीं था, इसके पीछे तीन प्रमुख वजहें हैं…
1. कांग्रेस का माहौल बदला
12 नवंबर को 218 सांसदों ने फाइलें जारी करने वाली याचिका पर साइन किए थे। इससे कांग्रेस को बिल पर वोट करने के लिए मजबूर होना पड़ा यानी, फाइलों का रिलीज होना लगभग तय हो गया था।
ट्रम्प जानते हैं कि बिल पास हो जाएगा, ऐसे में विरोध जारी रखना उनके लिए राजनीतिक रूप से नुकसानदेह साबित हो सकता था।
2. ट्रम्प दिखाना चाहते हैं कि पारदर्शिता से नहीं डरते
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प और एपस्टीन 1990 के दशक में एक ही सोशल सर्कल में थे। डेमोक्रेट्स लगातार आरोप लगा रहे थे कि ट्रम्प इसलिए फाइल्स रोक रहे हैं क्योंकि उनमें उनका नाम भी हो सकता है।
ट्रम्प ने इस नैरेटिव को पलटने के लिए फाइलों को रिलीज करने वाला बयान दिया है। वे इस तरह के बयान से खुद को क्लीन और आत्मविश्वासी दिखाना चाहते हैं।
3. डेमोक्रेट्स पर हमला करने का नया मौका
ट्रम्प लंबे समय से दावा करते रहे हैं कि एपस्टीन का असली कनेक्शन डेमोक्रेट्स, खासकर बिल क्लिंटन से है। फाइल्स खुलने पर अगर किसी डेमोक्रेटिक नेता का नाम सामने आता है तो ट्रम्प इसे चुनावी हथियार की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसलिए अब वे खुद कहने लगे हैं कि हमारे पास छुपाने को कुछ भी नहीं है, असली सवाल क्लिंटन पर है।

यह तस्वीर सितंबर 1993 की है। इसमें सेक्स रैकेट चलाने वाले जेफ्री एपस्टीन और उसकी गर्लफ्रेंड गिस्लीन मैक्सवेल तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के साथ नजर आ रहे हैं। यह जोड़ी क्लिंटन के VIP मेहमानों में शामिल थी।
कौन था जेफ्री एपस्टीन?
जेफ्री एपस्टीन न्यूयॉर्क का करोड़पति फाइनेंसर था। उसकी बड़े नेताओं और सेलिब्रिटीज से दोस्ती थी।
उस पर 2005 में नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा। 2008 में उसे नाबालिग से सेक्स की मांग करने का दोषी ठहराया गया। उसे 13 महीने की जेल हुई। 2019 में जेफ्री को सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोपों में गिरफ्तार किया गया। लेकिन मुकदमे से पहले ही उसने जेल में आत्महत्या कर ली।
उसकी पार्टनर घिसलीन मैक्सवेल को 2021 में उसकी मदद करने के आरोपों में दोषी करार दिया गया। वह 20 साल की सजा काट रही है।

ट्रम्प का एपस्टीन से संबंध क्या था?
ट्रम्प और एपस्टीन दोनों 1980से 2000 तक दोस्त थे। दोनों एक ही सर्कल का हिस्सा थे। 2004 में प्रॉपर्टी को लेकर झगड़ा हुआ और रिश्ता खत्म हो गया।
कई दस्तावेजों में ट्रम्प का नाम आता है, लेकिन कोई अपराध अभी तक साबित नहीं हुआ है। कई क्लाइंट लिस्ट वाली अफवाहों पर अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है।
2024 में जारी 950 पेज के कोर्ट रिकॉर्ड में ट्रम्प का नाम आने पर भी उन्हें किसी गलत काम के लिए दोषी नहीं ठहराया गया।
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जेफ्री एपस्टीन की मौत को 6 साल बीत चुके हैं, लेकिन उसका नाम एक बार फिर अमेरिकी राजनीति में विवाद की वजह बना हुआ है। इस बार विवाद के केंद्र में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हैं।
मामला यौन अपराधी रहे एपस्टीन की उस कथित ‘क्लाइंट फाइल’ का है, जिसमें दुनियाभर के ताकतवर नेताओं, बिजनेस टायकून और हस्तियों के नाम दर्ज होने की अटकलें हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…


