
इन देशों में काम करके जब कोई भारतीय वापस लौटता है, तो उसकी कमाई रुपये में बदलकर इतनी ज्यादा हो जाती है कि सचमुच कोई भी हैरान हो जाए. आज हम आपको ऐसी ही दुनिया की सबसे ताकतवर करेंसीयों और उनकी भारतीय रुपये में कीमत के बारे में बेहद आसान भाषा में जानकारी दे रहे हैं.

सबसे पहले बात करते हैं कुवैत की करेंसी यानी कुवैती दिनार की. यह करेंसी दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी मानी जाती है. कुवैत की अर्थव्यवस्था तेल पर आधारित है और वहां की जनसंख्या काफी कम है. इस वजह से इस देश की करेंसी की कीमत बहुत ज्यादा रहती है. अगर कोई व्यक्ति कुवैत में नौकरी करके 50,000 कुवैती दिनार कमाता है तो भारत लौटकर यह रकम 1,44,45,718.96 रुपये हो जाती है. यानी महज 50 हजार डिनार की कमाई भारत में एक करोड़ 44 लाख रुपये से भी ज्यादा में बदल जाती है. यही वजह है कि कुवैत भारतीय युवाओं की पहली पसंद बनता जा रहा है.

अब बात बहरीन की करेंसी बहरेनी दिनार की, जो दुनिया की दूसरी सबसे मजबूत करेंसी मानी जाती है. बहरीन छोटा देश है लेकिन वहां की अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत है. यहां भी तेल और गैस की कमाई बहुत ज्यादा है. अगर कोई व्यक्ति वहां नौकरी कर रहा है और 50,000 बहरेनी दिनार कमाता है, तो भारत में यह रकम बदलकर 1,17,55,167.06 रुपये हो जाती है. यानी 1 करोड़ 17 लाख रुपये से भी ज्यादा. इतनी बड़ी रकम भारत में कई लोगों की सालों की सेविंग के बराबर होती है, और यही वजह है कि बहरीन में भारतीय कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

तीसरे नंबर पर आता है ओमान, जिसकी करेंसी ओमानी रियाल भी दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी में शामिल है. ओमान भारत का पुराना व्यापारिक साथी है और काफी बड़ी संख्या में भारतीय यहां काम करते हैं. अगर कोई व्यक्ति ओमान में नौकरी करके 50,000 ओमानी रियाल कमाता है, तो भारत लौटकर यह रकम 1,15,25,448.70 रुपये बन जाती है. यानी 1 करोड़ 15 लाख रुपये से ज्यादा. इतनी बड़ी कमाई के कारण भारतीय युवा ओमान को नौकरी के लिहाज से एक सुरक्षित और बेहतर विकल्प मानते हैं.

इसके बाद आता है जॉर्डन, जिसकी करेंसी जॉर्डनियन दिनार भी रुपयों के मुकाबले बहुत मजबूत है. हालांकि जॉर्डन कोई तेल उत्पादक देश नहीं है, फिर भी इसकी करेंसी की कीमत काफी ज्यादा है. यहां शिक्षा, हेल्थ, होटल और सर्विस सेक्टर में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं. अगर कोई व्यक्ति वहां 50,000 जॉर्डनियन दिनार कमाता है तो भारत में इसकी कीमत करीब 62,49,811.68 रुपये हो जाती है. यानी करीब 62 लाख रुपये से ज्यादा. जॉर्डन में रहने का खर्च भी अन्य खाड़ी देशों की तुलना में कम है, इसलिए यहां की सेविंग भी ज्यादा बन जाती है.

अंत में बात करते हैं केमैन आइलैंड की. यह छोटा लेकिन काफी अमीर देश है और यहां की करेंसी केमैन आइलैंड डॉलर दुनिया की मजबूत करेंसी में गिनी जाती है. यह टूरिज्म और बैंकिंग हब है और यहां टैक्स नहीं लगता, जिसकी वजह से कमाई ज्यादा बचती है. अगर कोई व्यक्ति 50,000 केमैन आइलैंड डॉलर कमाता है तो भारत में इसकी कीमत 53,13,452.42 रुपये हो जाती है. यानी 53 लाख रुपये से ज्यादा. यहां की सबसे बड़ी खासियत यह है कि टैक्स-फ्री इनकम होने के कारण सेविंग काफी तेजी से बढ़ती है.
Published at : 18 Nov 2025 06:49 AM (IST)


