
अमेरिका में बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक बड़ा कदम उठाया है। 250 से ज्यादा फूड आइटम्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने के फैसले ने न सिर्फ अमेरिकी उपभोक्ताओं को राहत दी है, बल्कि भारत के किसानों और कृषि एक्सपोर्टर्स के चेहरे पर भी मुस्कान ला दी है। माना जा रहा है कि इस फैसले से भारत के कृषि एक्सपोर्ट को 2.5 से 3 अरब डॉलर, यानी करीब 22,000 से 26,000 करोड़ रुपये का सीधा फायदा मिलेगा। ऐसे समय में जब लगातार बढ़ते टैरिफ के कारण भारत के कई प्रोडक्ट अमेरिकी बाजार में पिछड़ने लगे थे, यह कदम नई उम्मीदों की हवा लेकर आया है।
भारत को मिलेगा बड़ा लाभ
अमेरिका ने जिन 250 फूड आइटम्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाया है, उनमें 229 कृषि वस्तुएं शामिल हैं। भारत की स्ट्रॉन्ग होल्ड वाले मसाले, चाय, कॉफी, काजू और कई फलों-सब्जियों पर लगे भारी शुल्क ने पिछले कई महीनों से एक्सपोर्ट को बुरी तरह प्रभावित किया था। ट्रंप प्रशासन द्वारा 50% तक टैरिफ बढ़ाने के बाद भारतीय मसालों का एक्सपोर्ट गिरावट की ओर था, जबकि यह सेक्टर अमेरिका में 35.8 करोड़ डॉलर का मार्केट रखता है। चाय-कॉफी में भी भारत हर साल 8.2 करोड़ डॉलर से ज्यादा का एक्सपोर्ट करता है। अब टैरिफ घटने के बाद स्थिति तेजी से बदलने की उम्मीद है। खासकर काली मिर्च, इलायची, जीरा, हल्दी, अदरक और प्रीमियम फ्रूट प्रोडक्ट्स जैसी हाई-वैल्यू कैटेगरी में एक्सपोर्ट बढ़ने की पूरी संभावना है।
कौन से सेक्टर होंगे सबसे बड़े विजेता?
भारतीय निर्यात संगठन (FIEO) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि अमेरिका की नई छूट भारत के लिए एक बड़ा अवसर है और इससे करीब तीन अरब डॉलर तक के एक्सपोर्ट को फायदा मिल सकता है। यह राहत खासकर उन सेक्टर्स के लिए वरदान साबित होगी जिनमें भारत की क्वालिटी और प्रोडक्शन क्षमता मजबूत है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारत का सबसे बड़ा फायदा नीचे बताए सेक्टरों में होगा:
- मसाले और हर्ब्स
- हाई-वैल्यू वाले बागवानी उत्पाद
- चाय, कॉफी और काजू
- फलों के प्रीमियम प्रोडक्ट
कुछ सेक्टर्स को नहीं मिलेगा बड़ा लाभ
हालांकि, हर प्रोडक्ट को समान लाभ मिलने वाला नहीं है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार, जिन वस्तुओं पर अमेरिकी छूट का प्रभाव सबसे ज्यादा है, इनमें अमेरिका में भारत की बहुत मजबूत पकड़ नहीं है। इसलिए इनमें बड़ा उछाल सीमित रह सकता है। लेकिन मसालों और विशेष बागवानी उत्पादों में मांग के दोबारा उभरने की पूरी उम्मीद है, खासकर तब जब टैरिफ बढ़ने के बाद यह मांग काफी घट गई थी।
ट्रंप का यू-टर्न क्यों?
ट्रंप प्रशासन लंबे समय से यह दावा करता रहा था कि टैरिफ के कारण महंगाई नहीं बढ़ती, लेकिन अमेरिकी उपभोक्ताओं में बढ़ती नाराजगी और फूड आइट्म्स की लगातार बढ़ती कीमतों ने सरकार को अपने फैसले पर दोबारा र्विचार करने को मजबूर कर दिया। घरेलू महंगाई को काबू में रखने और लोगों को राहत देने के लिए आखिरकार यह बड़ा कदम उठाया गया।
भारत की अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई रफ्तार
अप्रैल में 50% तक शुल्क लगने के बाद भारत का निर्यात सितंबर में 12% गिरकर 5.43 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। इसलिए यह राहत न सिर्फ किसानों के लिए बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी अहम है। टैरिफ घटने से भारतीय उत्पाद फिर से अमेरिकी बाजार में कॉम्पिटिशन बन जाएंगे।


