
भिंडी के बीजों में मौजूद पॉलीफेनॉल्स और फ्लेवोनॉयड्स शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और ब्लड में लैक्टिक एसिड को कम करते हैं. 2015 हुई एक रिसर्च के अनुसार इससे एंड्यूरेंस बेहतर होती है और थकान कम महसूस होती है.

वहीं 2020 की एक स्टडी में पाया गया है कि भिंडी के पोड एक्सट्रैक्ट्स किडनी टिश्यू को टॉक्सिन्स से बचाने में मदद करते हैं. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम किडनी सेल्स को सुरक्षा देते हैं और चोट के निशान को कम करती है.

भिंडी में मौजूद फिनोलेक्स, फ्लेवोनॉयड्स और पेक्टिन्स शरीर में लो ग्रेड इन्फ्लेमेशन को कंट्रोल करते हैं. वहीं नींबू के विटामिन सी के साथ मिलकर यह हल्का लेकिन लगातार सूजन-रोधी असर दिखता है.

एक सिस्टमैटिक रिव्यू में भी पाया गया है कि भिंडी एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और अन्य लिपिड मार्कर को कम कर सकती है. वहीं भिंडी का म्यूसिलेज आंतों में कोलेस्ट्रॉल को बांध कर उसे ऑब्जर्व होने से रोकता है.

कई स्टडीज में यह भी सामने आया है की भिंडी का सेवन फास्टिंग ग्लूकोज HbA1c और इन्सुलिन रेजिस्टेंस कम करता है. वहीं म्यूसिलेज कार्ब्स के अवशोषण को धीमा करता है और नींबू ग्लाइसेमिक रिस्पांस को मॉडरेट करने में मदद करता है.

इसके अलावा भिंडी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट लिवर को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाने में मददगार होता है. रिसर्च के अनुसार यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस मार्कर को कम करते हैं.

भिंडी और नींबू का पानी पीने के लिए तीन से चार भिंडी को काटकर रात भर पानी में भिगो दें. सुबह इस पानी को छानकर इसमें एक टेबल स्पून नींबू का रस मिलाकर खाली पेट पी लें.
Published at : 16 Nov 2025 08:03 AM (IST)


