किडनी हमारे शरीर के सबसे जरूरी हिस्सों में से एक है जो खून को फिल्टर करने और वेस्ट मटेरियल को बाहर निकालने का काम करती है. जब किडनी ठीक से काम नहीं करती तब शरीर में वेस्ट जमा होने लगता है. इसके शुरुआती लक्षणों में थकान, कमजोरी, चेहरे और पैरों में सूजन, पेशाब में झाग या खून, भूख कम लगना और रात में बार-बार पेशाब आना शामिल है.
यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है, इसलिए समय पर पहचान बहुत जरूरी होती है. डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर इसके सबसे बड़े कारण माने जाते हैं. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि स्किन पर बार-बार खुजली जैसी समस्याओं को नजरअंदाज क्यों नहीं करना चाहिए.
किडनी की बीमारी के संकेत क्यों दिखाई देते हैं स्किन पर?
किडनी डैमेज होने पर इसका असर सबसे पहले स्किन पर दिखना शुरू होता है. स्किन में बदलाव शरीर के अंदर छिपी किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा करते हैं. कई बार रूखापन, रेशेज, रंग में फर्क जैसी समस्याओं को लोग मौसम या स्किन केयर की गलती मानते हैं जबकि यह किडनी खराबी का शुरुआती संकेत हो सकता है.
किडनी की बीमारी के स्किन पर आम संकेत
- रूखी और खुजलीदार स्किन- अमेरिका के नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार किडनी का काम सिर्फ शरीर से वेस्ट निकालना ही नहीं बल्कि रेड ब्लड सेल्स को बनाना, हड्डियों की मजबूती और मिनरल्स का संतुलन बनाए रखना भी है. वहीं किडनी के एडवांस स्टेज में मिनरल्स का संतुलन बिगड़ जाता है, जिसके कारण स्किन बहुत ज्यादा रूखी और खुजलीदार हो जाती है. कई मामलों में यह मिनरल और बोन डिजीज का संकेत भी हो सकता है. जिससे शरीर मिनरल्स को कंट्रोल नहीं कर पाता और स्किन पर असर दिखाई देता है.
- स्किन पर सूजन- जब किडनी वेस्ट और एक्स्ट्रा लिक्विड बाहर नहीं निकाल पाती तो शरीर में फ्लूड जमा होने लगता है. इसका असर सबसे पहले चेहरे, आंखों के आसपास, पैरों टखनों और हाथों में सूजन के रूप में दिखाई देता है. यह किडनी डैमेज का एक आम और गंभीर संकेत होता है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
- स्किन के रंग में चेंज- किडनी फेलियर में शरीर में टॉक्सिन जमा होने लगता है, जिसके कारण स्किन और आंखों का रंग पीला या फीका दिखाई देने लगता है. वहीं एनीमिया भी किडनी की बीमारी के साथ जुड़ा आम लक्षण होता है, जिसके कारण स्किन पीली पड़ सकती है. लंबे समय तक ऐसा बना रहे रहने पर यह गंभीर किडनी इन्फेक्शन और डैमेज का संकेत हो सकता है.
- घाव, चकत्ते और लगातार खुजली- किडनी फेलियर होने पर पूरे शरीर में तेज खुजली होती है. वहीं यह खुजली दिन-रात परेशान करती है क्योंकि किडनी खराब होने से स्किन बहुत ड्राई हो जाती है. कुछ नेफ्रोलॉजिस्ट के अनुसार शरीर में फास्फोरस बढ़ जाने पर यह खुजली बढ़ सकती है. लगातार खुजलाने से स्किन पर घाव, निशान, मोटी स्किन या खुजलीदार गांठ भी बन सकती है. इससे बचने के लिए स्किन को नियमित रूप से मॉइस्चराइज करना और फास्फोरस की मात्रा कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है.
क्यों नजरअंदाज नहीं करने चाहिए स्किन के लक्षण?
कई बार स्क्रीन में दिखाई देने वाले यह बदलाव किडनी की बीमारी का पहला और सबसे स्पष्ट लक्षण होते हैं. अमेरिकन एकेडमी आफ डर्मेटोलॉजी का कहना है कि खासकर ड्राई स्किन, लगातार खुजली और स्किन के रंग में बदलाव अक्सर उन मरीजों में देखने को मिलते हैं जिन्हें डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है. इसलिए किसी भी तरह की स्किन प्रॉब्लम को हल्के में नहीं लेना चाहिए और समय पर जांच से किडनी को बचाया जा सकता है.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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