हर साल लाखों स्टूडेंट्स पूरे जोश और उम्मीद के साथ UPSC की तैयारी करते हैं.सुबह से रात तक बस एक ही ख्वाहिश होती है कि किसी दिन मैं भी IAS या IPS बनूंगा. लेकिन लिए पढ़ाई, कोचिंग, मॉक टेस्ट, नोट्स सब कुछ करने के बाद भी जब रिजल्ट में नाम नहीं आता, तो कई बार इंसान सारी उम्मीदे छोड़ देता है।
पिछले साल 5 लाख 83 हजार से ज्यादा उम्मीदवारों ने UPSC सिविल सर्विसेज का प्रीलिम्स एग्जाम दिया था.उनमें से 14,627 लोग मेन्स तक पहुंचे, 2,845 उम्मीदवारों ने इंटरव्यू दिया, और आखिर में सिर्फ 1,009 लोग ही अफसर बन पाए. ऐसे में बाकी सारे मेहनती उम्मीदवार की मेहनत बेकार चली जाती है. लेकिन अब ऐसा नहीं है. क्योंकि UPSC ने एक खास पहल शुरू की है जो उन उम्मीदवारों को नया मौका देती है, जो बस थोड़ा-सा रह गए थे. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि जमकर पढ़ने के बाद भी UPSC एग्जाम क्लियर नहीं हुआ, तो भी अब सरकारी नौकरी कैसे मिलेगी.
अब सरकारी नौकरी कैसे मिलेगी?
UPSC ने एक खास पहल प्रतिभा सेतु (Pratibha Setu) की शुरुआत की है जो उन उम्मीदवारों को नया मौका देती है, जो बस थोड़ा-सा रह गए थे. प्रतिभा सेतु एक ऐसा पुल जो UPSC इंटरव्यू तक पहुंच चुके उम्मीदवारों को जोड़ता है. सरकारी और निजी संस्थानों से, जो टैलेंटेड लोगों की तलाश में रहते हैं. दरअसल, ये नई स्कीम बिल्कुल नई नहीं है. इससे पहले UPSC की एक योजना Public Disclosure Scheme (PDS) चलती थी. उसके तहत UPSC उन कैंडिडेट्स का डेटा वेबसाइट पर डालता था, जिन्होंने लिखित परीक्षा पास की, लेकिन इंटरव्यू में थोड़े अंकों से पीछे रह गए. अब उसी को नया रूप देकर प्रतिभा सेतु नाम दिया गया है. इसमें पहले से कहीं ज्यादा परीक्षाओं को जोड़ा गया है, और अब सिर्फ सरकारी नहीं, बल्कि प्राइवेट कंपनियां भी इसमें भाग ले सकती हैं.
किन परीक्षाओं के उम्मीदवार जुड़ सकते हैं प्रतिभा सेतु से?
अब सिर्फ सिविल सर्विस ही नहीं, बल्कि UPSC की कई परीक्षाओं के उम्मीदवार इस स्कीम में शामिल हो सकते हैं. जैसे सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन, इंडियन फॉरेस्ट सर्विस एग्जामिनेशन, सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज एग्जाम, इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम, कंबाइंड जियो-साइंटिस्ट एग्जाम, कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज एग्जाम, इंडियन इकोनॉमिक सर्विस , इंडियन स्टैटिस्टिकल सर्विस, कंबाइंड मेडिकल सर्विसेज एग्जाम. लेकिन कुछ परीक्षाएं इस स्कीम का हिस्सा नहीं हैं . जैसे NDA,NA, CBI DSP LDCE या CISF LDCE जैसी डिपार्टमेंटल परीक्षाएं.
PDS से कैसे अलग है प्रतिभा सेतु?
पुरानी PDS स्कीम में सिर्फ इतना होता था कि UPSC वेबसाइट पर उन उम्मीदवारों की जानकारी दी जाती थी जो मेरिट से थोड़ा पीछे रह गए. लेकिन अब प्रतिभा सेतु में बड़ा बदलाव ये है कि अब अलग-अलग परीक्षाओं के उम्मीदवारों का डाटा इसमें जोड़ा जा रहा है.सरकारी विभागों और प्राइवेट कंपनियों को लॉगइन दिया जाता है ताकि वे इन उम्मीदवारों के प्रोफाइल देख सकें यानी अब कंपनियां खुद इन टैलेंटेड उम्मीदवारों से संपर्क कर सकती हैं. साथ ही, कंपनियों को वेरिफिकेशन के बाद ही एक्सेस दिया जाता है, ताकि डेटा सुरक्षित रहे. IAS अकादमी के फैकल्टी विनय कुमार के मुताबिक, इस पोर्टल पर अभी 10,000 से ज्यादा उम्मीदवारों का डेटा है. वो सभी जिन्होंने UPSC के इंटरव्यू तक का सफर तय किया, लेकिन फाइनल लिस्ट में नहीं आ सके.हालांकि, अभी तक कितने लोगों को इस स्कीम से नौकरी मिली, इसका सही डेटा पब्लिक नहीं है.
इस स्कीम के क्या-क्या फायदे?
1. सरकारी नौकरियों का नया मौका: ऐसे उम्मीदवार नीति आयोग, मंत्रालयों, या राज्य सरकारों के प्रोजेक्ट्स में सलाहकार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर या डेवलपमेंट फेलो के तौर पर काम कर सकते हैं.
2. पब्लिक सेक्टर और थिंक टैंक्स: कई PSU, थिंक टैंक और सरकारी संस्थान इस पोर्टल के जरिए भर्ती कर सकते हैं.
3. प्राइवेट सेक्टर: कुछ निजी कंपनियां भी इस पोर्टल से जुड़ रही हैं, ताकि उन्हें अच्छे एनालिटिकल और एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल वाले कैंडिडेट मिल सकें.
4. डेटा सुरक्षा: सिर्फ वे ही कंपनियां कैंडिडेट्स की जानकारी देख सकती हैं जो पहले से वेरिफाइड हैं, जिससे गोपनीयता बनी रहती है.
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