Wednesday, November 12, 2025
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Sheikh Hasina interview PTI india vs Bangladesh Yunus government | शेख हसीना के इंटरव्यू से बांग्लादेश नाराज: ढाका में भारतीय डिप्लोमैट तलब; हसीना ने कहा था- यूनुस सरकार कट्टरपंथियों के सहारे चल रही


नई दिल्ली3 घंटे पहले

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शेख हसीना 5 अगस्त, 2024 से भारत में रह रही हैं। - Dainik Bhaskar

शेख हसीना 5 अगस्त, 2024 से भारत में रह रही हैं।

बांग्लादेश ने पूर्व पीएम शेख हसीना के मीडिया इंटरव्यू पर नाराजगी जताई है। इंटरव्यू के कुछ ही घंटे बाद ने ढाका में भारतीय डिप्टी हाई कमिश्नर पवन बढे को तलब किया है।

शेख हसीना ने बुधवार को PTI न्यूज एजेंसी को ईमेल इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने यूनुस सरकार पर कई आरोप लगाए।

हसीना ने कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान यूनुस सरकार कट्टरपंथियों के भरोसे चल रही है। उन्होंने कहा कि यूनुस की भारत विरोधी नीति बेवकूफाना और खुद का नुकसान करने वाली है।

हसीना ने कहा कि उनकी वतन वापसी तभी संभव है, जब लोकतंत्र बहाल होगा, अवामी लीग पर से प्रतिबंध हटेगा और स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराए जाएंगे।

शेख हसीना ने पिछले साल 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़ दिया था। इसके बाद से वो भारत में ही रह रही हैं।

शेख हसीना ने पिछले साल 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़ दिया था। इसके बाद से वो भारत में ही रह रही हैं।

मोहम्मद यूनुस को कमजोर नेता बताया

हसीना ने कहा कि मोहम्मद यूनुस एक कमजोर, अराजक और चरमपंथियों पर निर्भर नेता हैं। हसीना ने स्वीकार किया कि पिछले हुए तख्तापलट पर कहा कि हम हालात पर नियंत्रण खो बैठे थे और यह दुर्भाग्यपूर्ण था।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि प्रदर्शन को भड़काने में कुछ तथाकथित छात्र नेताओं की भी भूमिका रही, जो असल में राजनीतिक कार्यकर्ता थे।

उन्होंने भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर भी बात की और कहा कि भारत हमेशा से बांग्लादेश का सबसे अहम अंतरराष्ट्रीय साझेदार रहा है। मुझे उम्मीद है कि दोनों देशों के मजबूत रिश्ते मौजूदा अंतरिम सरकार की नीतियों से प्रभावित नहीं होंगे।

हसीना ने भारत को सबसे बड़ा दोस्त बताया

भारत के लोगों को आश्वस्त करते हुए हसीना ने कहा कि वर्तमान अंतरिम सरकार बांग्लादेश के लोगों की सोच को नहीं दिखाती है। भारत हमारे देश का सबसे बड़ा दोस्त था, है और रहेगा।

हसीना ने यूनुस सरकार पर आरोप लगाया कि वह भारत से संबंध खराब करने और चरमपंथी ताकतों को बढ़ावा देने का काम कर रही है। यूनुस के कूटनीतिक कदम नासमझी भरे और आत्मघाती हैं।

हसीना ने उन खबरों को खारिज किया जिनमें कहा गया था कि उन्होंने अगले साल फरवरी में होने वाले चुनावों के बहिष्कार की अपील की है।

उन्होंने कहा- अगर अवामी लीग को चुनाव से बाहर रखा गया तो वह चुनाव वैध नहीं माने जाएंगे। करोड़ों लोग हमारा समर्थन करते हैं, इसलिए देश को एक ऐसा नेतृत्व चाहिए जो जनता की सहमति से चले।

हसीना बोलीं- मुझ पर इंटरनेशनल कोर्ट में केस चलाओ

बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल में चल रहे केस पर बोलते हुए हसीना ने कहा कि यह पूरी तरह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि यह एक ‘कंगारू ट्रिब्यूनल’ है जिसे मेरे विरोधी चला रहे हैं। वे अवामी लीग और मुझे राजनीति से बाहर करना चाहते हैं।

हसीना ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केस का सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कई बार कहा है कि अगर यूनुस सरकार सच में ईमानदार है, तो मुझ पर इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) में केस करो। हालांकि वे ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि उन्हें पता है कि निष्पक्ष अदालत मुझे बरी कर देगी।

उन्होंने कहा कि यूनुस को कुछ पश्चिमी देशों का समर्थन मिला था, लेकिन अब वे भी उनका साथ छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्होंने कट्टरपंथियों को सरकार में शामिल किया, अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया और संविधान को कमजोर किया।

आरक्षण के खिलाफ आंदोलन ने किया था तख्तापलट

बांग्लादेश में पिछले साल छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए थे। भीड़ ने 5 अगस्त, 2024 को तत्कालीन प्रधानमंत्री, 77 साल शेख हसीना के आवास पर हमला कर दिया था। भीड़ के पहुंचने से पहले हसीना बांग्लादेश से भागकर भारत आ गई थीं। वे तब से भारत में रह रही हैं।

इसी के साथ बांग्लादेश में अवामी लीग की 20 साल पुरानी सरकार भी गिर गई। इसके बाद मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार की स्थापना की गई। हसीना के खिलाफ देशभर में छात्र कोटा सिस्टम को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।

दरअसल, बांग्लादेश में 5 जून, 2024 को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था। यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था। लेकिन हसीना सरकार ने यह आरक्षण बाद में खत्म कर दिया था। इसके बाद छात्र उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।

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