Exit Poll on Stock Market: बिहार विधानसभा चुनाव के दो चरणों में मतदान 11 नवंबर को संपन्न होने के बाद अब सबकी निगाहें 14 नवंबर को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं. हालांकि, एग्जिट पोल के एक दिन बाद शेयर बाजार का जोश देखने लायक था.
बुधवार दोपहर को बीएसई सेंसेक्स 770 अंक तक उछल गया, जबकि एनएसई निफ्टी 25,900 के पार कारोबार कर रहा था. एग्जिट पोल के बाद बाजार की यह गर्मजोशी निवेशकों के बढ़ते भरोसे का संकेत देती है.
बाजार में जोश क्यों है?
हर बार की तरह, इस बार भी एग्जिट पोल के बाद बाजार का अपना रिएक्शन देखने को मिला. विश्लेषकों का कहना है कि अगर राज्य में एनडीए (NDA) को बहुमत मिलता है, तो इसका असर केंद्र की स्थिरता पर भी सकारात्मक पड़ेगा. राजनीतिक स्थिरता हमेशा से शेयर बाजार के लिए शुभ संकेत मानी जाती है, क्योंकि इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ता है और पैसे का प्रवाह तेज होता है.
अगर एग्जिट पोल की भविष्यवाणी सही साबित होती है, तो 2005 से मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार की एक बार फिर सत्ता में वापसी तय मानी जा रही है. बीजेपी-जेडीयू गठबंधन की सरकार पहले भी बिहार में लंबे समय तक रही है, और बाजार इसे राजनीतिक स्थिरता का संकेत मान रहा है.
बाजार को सता रहा है डर
हालांकि, कुछ बाजार विशेषज्ञों को यह डर भी सता रहा है कि अगर एनडीए सत्ता से बाहर हो जाता है, तो इसका असर मार्केट के मूड पर नकारात्मक हो सकता है. अगर बिहार में किसी क्षेत्रीय गठबंधन या खंडित जनादेश की स्थिति बनती है, तो निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ेगी और निफ्टी में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है,” ऐसा मानना है कई मार्केट एनालिस्ट्स का.
इतिहास गवाह है कि जब भी देश या किसी राज्य में स्थिर सरकार बनती है, बाजार उस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देता है. निवेशक राजनीतिक स्थिरता को आर्थिक नीतियों की निरंतरता के रूप में देखते हैं — और यही भरोसा शेयर बाजार में तेजी का प्रमुख कारण बनता है. अब सबकी नजरें 14 नवंबर पर टिकी हैं, जब बिहार चुनाव के नतीजे घोषित होंगे. अगर एग्जिट पोल के मुताबिक एनडीए की जीत होती है, तो बाजार की यह तेजी और भी लंबी हो सकती है.


