
फैटी लिवर का मतलब है कि लिवर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा हो गया है. लिवर हमारे शरीर का एक अहम अंग है, जो खाने को पचाने, एनर्जी बनाने और शरीर से टॉक्सिन्स निकालने का काम करता है. जब इसमें फैट बढ़ जाता है, तो यह काम धीमा हो जाता है. अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह स्थिति नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज, फिर सूजन और आगे चलकर फाइब्रोसिस या सिरोसिस तक पहुंच सकती है.

इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है. जब शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन को ठीक से नहीं पहचानती, तो इसे इंसुलिन रेसिस्टेंस कहते हैं. इस स्थिति में शरीर को ज्यादा इंसुलिन बनाना पड़ता है, जिससे धीरे-धीरे ब्लड शुगर और लिवर फैट दोनों बढ़ने लगते हैं. लिवर में फैट बढ़े तो इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ता है, और इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़े तो फैट और बढ़ता है. ये दोनों एक-दूसरे को खराब करते रहते हैं.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि शरीर खुद संकेत देता है कि अंदर क्या गड़बड़ चल रही है. अगर हम इन संकेतों को समय पर समझ लें, तो ब्लड टेस्ट कराने से पहले ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमें फैटी लिवर या प्री-डायबिटीज का खतरा है या नहीं, कुछ लक्षण बहुत अहम हैं जो लिवर और इंसुलिन से जुड़ी समस्या का शुरुआती संकेत हो सकते हैं.

अगर आपका पेट बहुत ज्यादा उभरा हुआ और सख्त महसूस होता है, तो यह सिर्फ मोटापा नहीं हो सकता, यह संकेत है कि अंदरूनी अंगों के आसपास चर्बी जमा हो रही है, खासकर लिवर के पास, यह फैट बहुत एक्टिव होता है और शरीर में इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ाता है. इसलिए अगर आपका पेट बढ़ा है पर बाकी शरीर नॉर्मल है, तो यह फैटी लिवर का शुरुआती चेतावनी संकेत हो सकता है.

अगर आपकी गर्दन या बगल में सॉफ्ट टाइनी बंप्स या सफेद पिंपल्स दिखाई दे रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें. यह इंसुलिन के लंबे समय तक ज्यादा मात्रा में बने रहने के कारण होता है. यह शरीर का तरीका है बताने का कि आपकी कोशिकाएं इंसुलिन को सही से नहीं पहचान रही यानी इंसुलिन रेसिस्टेंस शुरू हो चुका है.

कुछ लोगों के टखनों या पैरों पर लाल या बैंगनी रेखाएं दिखती हैं.ये शरीर में खराब ब्लड सर्कुलेशन और मेटाबोलिज्म के असंतुलन का संकेत हो सकता है, जो अक्सर इंसुलिन रेसिस्टेंस से जुड़ा होता है.इसके अलावा अगर चेहरा फूला हुआ, गाल भारी और चीकबोन्स कम दिखें, तो यह भी लिवर में फैट जमा होने का संकेत है.

अगर आपका ब्लड प्रेशर बार-बार 140/90 mmHg से ऊपर जा रहा है, तो यह भी एक चेतावनी संकेत है. इंसुलिन रेसिस्टेंस के कारण ब्लड वेसेल्स सख्त होने लगती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है. यह स्थिति न सिर्फ दिल बल्कि लिवर पर भी अतिरिक्त दबाव डालती है. ऐसे में इससे बचने के लिए अपनी डाइट में तेल, चीनी और प्रोसेस्ड फूड कम करें, रोजाना कम से कम 30 मिनट चलना या एक्सरसाइज करना शुरू करें, नींद पूरी लें और तनाव कम करें.
Published at : 06 Nov 2025 07:24 PM (IST)


