
सोना और चांदी के वायदा भाव मंगलवार को लगातार तीसरे कारोबारी दिन गिरावट के साथ बंद हुए। इस बीच, देश के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर एक तकनीकी गड़बड़ी के कारण ट्रेडिंग की शुरुआत में देरी हुई, जिससे बाजार में अनिश्चितता का माहौल बन गया। पीटीआई की खबर के मुताबिक,एमसीएक्स ने एक बयान में स्पष्ट किया कि तकनीकी समस्या के कारण ट्रेडिंग देर से शुरू हुई। एक्सचेंज को ऑपरेशन्स को डिजास्टर रिकवरी (डीआर) साइट पर शिफ्ट करना पड़ा, जिसके बाद ट्रेडिंग दोपहर 1:25 बजे से शुरू हो सकी। एक्सचेंज ने अब सभी सिस्टम्स के सामान्य रूप से काम करने की जानकारी दी है।
सोना फ्यूचर्स में भारी गिरावट जारी
घरेलू बाजार में सोने के फ्यूचर्स में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। दिसंबर अनुबंध के लिए सोना ₹2,214 या 1.83% गिरकर ₹1,18,743 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। फरवरी 2026 अनुबंध के लिए भाव ₹2,650 या 2.17% की गिरावट आई और यह ₹1,19,649 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। 17 अक्टूबर को ₹1,32,294 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छूने के बाद से, सोने का दिसंबर अनुबंध अब तक ₹13,794 प्रति 10 ग्राम यानी 10.43% तक टूट चुका है।
चांदी में भी कमजोरी
चांदी के वायदा भाव भी दबाव में रहे। दिसंबर डिलीवरी के लिए चांदी ₹2,181 या 1.52% गिरकर ₹1,41,186 प्रति किलोग्राम पर आ गई। मार्च 2026 अनुबंध के लिए चांदी की कीमत में ₹2,289 या 1.58% की गिरावट दर्ज की गई और यह ₹1,42,757 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। 17 अक्टूबर के रिकॉर्ड स्तर ₹1,70,415 प्रति किलोग्राम की तुलना में चांदी अब तक ₹29,874 यानी 17.53% नीचे आ चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में दबाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार (कॉमेक्स) में भी गिरावट का दौर जारी रहा। सोना (दिसंबर डिलीवरी) 98.06 डॉलर या 2.44% गिरकर 3,921.64 डॉलर प्रति औंस पर आ गया, जो लगातार तीसरे दिन कीमतों में कमी को दर्शाता है। इसी तरह, चांदी (दिसंबर डिलीवरी) भी 2.34% गिरकर 45.68 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी।
गिरावट का कारण
रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी के अनुसार अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में सकारात्मक प्रगति के कारण सेफ हेवन डिमांड कम हुई, जिससे सोने के दाम 3,920 डॉलर प्रति औंस तक फिसल गए। उन्होंने बताया कि निवेशक अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व (यूएस फेड) की आगामी नीति बैठक पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां बाजार 25 बेसिस पॉइंट्स की ब्याज दर में कटौती की उम्मीद कर रहा है। घरेलू और वैश्विक दोनों बाजारों में कीमती धातुओं पर दबाव बना हुआ है, जिसे MCX की तकनीकी गड़बड़ी ने और बढ़ा दिया।


