राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को सोने की कीमतों में ₹200 की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट वैश्विक बाजारों में कमजोरी और घरेलू स्टॉकिस्ट्स की बिकवाली के चलते देखने को मिली। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन ने 25 अगस्त को कहा कि, 99.9% शुद्धता वाला सोना घटकर ₹1,00,170 प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जो शुक्रवार को ₹1,00,370 पर बंद हुआ था। वहीं, 99.5% शुद्धता वाला सोना ₹150 सस्ता होकर ₹99,900 प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर आ गया। पिछले सत्र में इसका भाव ₹1,00,050 था। पीटीआई की खबर के मुताबिक, चांदी की कीमत में कोई बदलाव नहीं देखा गया और यह ₹1,15,000 प्रति किलोग्राम (सभी कर सहित) पर स्थिर रही।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट
न्यूयॉर्क में स्पॉट गोल्ड 0.26% की गिरावट के साथ USD 3,363.45 प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जबकि स्पॉट सिल्वर 0.17% गिरकर USD 38.78 प्रति औंस पर आ गया। मिराए एसेट शेयरखान में कमोडिटीज और करेंसीज़ प्रमुख प्रवीण सिंह ने बताया कि सोमवार को सोना कमजोर रुझान के साथ कारोबार कर रहा है, लेकिन अगर अमेरिका का रोजगार बाजार कमजोर होता है, तो फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव बढ़ेगा, जिससे सोने में फिर से तेजी देखी जा सकती है।
फेडरल रिजर्व की नीति और संभावनाएं
मेहता इक्विटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटीज) राहुल कालंत्री ने बताया कि पिछले सप्ताह जैकसन होल सिम्पोजियम में फेड चेयर जेरोम पॉवेल के डोविश बयान के बाद सोने-चांदी की कीमतों में तेज उछाल देखा गया। पॉवेल ने संकेत दिया कि दिसंबर के बाद ब्याज दरों में कटौती संभव है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लगातार बनी महंगाई और धीमी आर्थिक गतिविधि फेडरल रिजर्व को आक्रामक दर कटौती से रोक सकती हैं, जिससे कीमती धातुओं की तेजी सीमित रह सकती है।
GDP डेटा पर भी रहेगी नजर
ऑगमोंट की रिसर्च प्रमुख रेनीशा चैनानी के अनुसार, इस सप्ताह जारी होने वाला अमेरिका का Q2 GDP डेटा फेडरल रिजर्व की अगली मौद्रिक नीति दिशा और बुलियन बाजार की धारणा को प्रभावित करेगा। गौरतलब है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली FOMC बैठक 16-17 सितंबर को प्रस्तावित है। सोने की कीमतों में हाल के दिनों में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। हालांकि यह एक रेंज में बना हुआ है। हालाकिं, भू-राजनीतिक तनाव को देखते हुए कहा जा रहा है कि सोना साल के आखिर तक में जोरदार बढ़कर 1,15,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक भी जा सकता है।