Monday, August 25, 2025
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फेफड़ों को मजबूत करने के लिए खाएं ये 6 फल, बार-बार खांसी की परेशानी रहेगी दूर


सेब: सेब को फेफड़ों के लिए सबसे हेल्दी फल माना जाता है. इसमें पाए जाने वाले फ्लेवोनॉयड्स, विटामिन C और फाइबर फेफड़ों को डैमेज होने से बचाते हैं. रोज़ाना एक सेब खाने से सांस संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है और बार-बार होने वाली खांसी में भी राहत मिलती है.

सेब: सेब को फेफड़ों के लिए सबसे हेल्दी फल माना जाता है. इसमें पाए जाने वाले फ्लेवोनॉयड्स, विटामिन C और फाइबर फेफड़ों को डैमेज होने से बचाते हैं. रोज़ाना एक सेब खाने से सांस संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है और बार-बार होने वाली खांसी में भी राहत मिलती है.

संतरा: संतरे में विटामिन C की भरपूर मात्रा होती है, जो फेफड़ों को संक्रमण से बचाती है. यह फल इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है और खांसी-जुकाम की समस्या जल्दी दूर करता है. अगर आप बार-बार खांसी से परेशान रहते हैं, तो संतरे का सेवन ज़रूर करें.

संतरा: संतरे में विटामिन C की भरपूर मात्रा होती है, जो फेफड़ों को संक्रमण से बचाती है. यह फल इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है और खांसी-जुकाम की समस्या जल्दी दूर करता है. अगर आप बार-बार खांसी से परेशान रहते हैं, तो संतरे का सेवन ज़रूर करें.

अंगूर: अंगूर में मौजूद रेस्वेराट्रॉल और एंटीऑक्सीडेंट्स फेफड़ों की कोशिकाओं को साफ और मजबूत बनाते हैं. यह बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है और सांस लेने की दिक्कत को कम करता है. खासकर काले अंगूर फेफड़ों के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं.

अंगूर: अंगूर में मौजूद रेस्वेराट्रॉल और एंटीऑक्सीडेंट्स फेफड़ों की कोशिकाओं को साफ और मजबूत बनाते हैं. यह बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है और सांस लेने की दिक्कत को कम करता है. खासकर काले अंगूर फेफड़ों के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं.

अनार: अनार का जूस फेफड़ों की सूजन को कम करने में मदद करता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं और खून को साफ करते हैं. नियमित सेवन करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है और खांसी की समस्या धीरे-धीरे कम हो जाती है.

अनार: अनार का जूस फेफड़ों की सूजन को कम करने में मदद करता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं और खून को साफ करते हैं. नियमित सेवन करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है और खांसी की समस्या धीरे-धीरे कम हो जाती है.

पपीता: पपीते में विटामिन A और एंजाइम्स पाए जाते हैं, जो फेफड़ों की कोशिकाओं को रिपेयर करते हैं. यह फल म्यूकस (बलगम) बनने से रोकता है और सांस संबंधी बीमारियों से बचाव करता है. बार-बार खांसी आने पर पपीते का सेवन बहुत फायदेमंद होता है.

पपीता: पपीते में विटामिन A और एंजाइम्स पाए जाते हैं, जो फेफड़ों की कोशिकाओं को रिपेयर करते हैं. यह फल म्यूकस (बलगम) बनने से रोकता है और सांस संबंधी बीमारियों से बचाव करता है. बार-बार खांसी आने पर पपीते का सेवन बहुत फायदेमंद होता है.

कीवी: कीवी में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा काफी अधिक होती है, जो फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाते हैं. यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और सांस की नलियों को साफ रखता है. नियमित सेवन से फेफड़े हेल्दी रहते हैं और खांसी-जुकाम की समस्या कम होती है.

कीवी: कीवी में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा काफी अधिक होती है, जो फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाते हैं. यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और सांस की नलियों को साफ रखता है. नियमित सेवन से फेफड़े हेल्दी रहते हैं और खांसी-जुकाम की समस्या कम होती है.

Published at : 25 Aug 2025 05:05 PM (IST)


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