Monday, August 25, 2025
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अमेरिका में ट्रक ड्राइवर को कितनी मिलती है सैलरी, बैन लगने के बाद कितने भारतीयों की छिनेगी जॉब?


अमेरिका में ट्रक चलाना भारत के हजारों युवाओं के लिए सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि एक सपने की तरह रहा है. खासकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के कई राज्यों के युवा इस काम को तरक्की, इज्जत और बेहतर जीवन का रास्ता मानते हैं. अमेरिका में ट्रक ड्राइवर की नौकरी को अच्छी सैलरी, सेफे लाइफस्टाइल और ब्राइट फ्यूचर से जोड़ा जाता है. वहां की हाईवे लाइफ, बड़े ट्रक, और खुद की कमाई से एक बेहतर लाइफ की उम्मीद ने कई युवाओं को इस दिशा में बढ़ाया है. 

यही वजह है कि अमेरिका में हजारों भारतीय, खासकर सिख समुदाय से आने वाले लोग ट्रकिंग इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं. लेकिन अब यह सपना खतरे में है. हाल ही में अमेरिका सरकार ने विदेशी ट्रक ड्राइवरों को दिए जाने वाले वर्क वीजा और कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस (CDL) पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने का बड़ा फैसला लिया है. इसका सीधा असर उन भारतीयों पर पड़ेगा जो अमेरिका में ट्रक ड्राइविंग करके लाइफ चला रहे हैं या वहां जाकर यह काम करना चाहते थे. ऐसे में चलिए जानते हैं कि अमेरिका में ट्रक ड्राइवर को कितनी सैलरी मिलती है और बैन लगने के बाद कितने भारतीयों की जॉब छिनेगी.

अमेरिका में ट्रक ड्राइवर को कितनी सैलरी मिलती है?

अमेरिका में ट्रक ड्राइवरों की सैलरी आमतौर पर प्रति मील के हिसाब से होती है. जिसमें औसतन 0.60 से 0.70 अमेरिकी डॉलर प्रति मील तक भुगतान होता है. एक ट्रक ड्राइवर जो रोज 500-600 मील तक चलता है, वह हर महीने लगभग लगभग 4.2 लाख से 6.7 लाख कमा सकता है. कुछ कंपनियां प्रति घंटे के हिसाब से भी सैलरी देती हैं. जिसमें प्रति घंटे औसतन 1,680 से 2,520 तक की कमाई हो सकती है. यह ड्राइवर के एक्सपीरियंस, कंपनी और राज्य पर निर्भर करता है. अमेरिका में ट्रक ड्राइवरों की औसत सालाना सैलरी करीब 40 लाख होती है. कुछ बड़ी कंपनियां जैसे वॉलमार्ट, अमेजन आदि एक्सपीरियंस ड्राइवरों को 95,000 से 110,000  अमेरिकी डॉलर यानी करीब 80 लाख से 92 लाख सालाना भी देती हैं. 

बैन लगने के बाद कितने भारतीयों की जॉब छिनेगी?

2021 तक, अमेरिका में 7,20,000 से ज्यादा विदेशी मूल के ट्रक ड्राइवर थे. इनमें से लगभग 18 प्रतिशत ट्रक ड्राइवर विदेशी मूल के हैं. ट्रकिंग इंडस्ट्री में भारत, मैक्सिको, लैटिन अमेरिका और पूर्वी यूरोपीय देशों (जैसे यूक्रेन) से आए लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. अमेरिका के कैलिफोर्निया में खासतौर पर हजारों भारतीय ट्रक चला रहे हैं. इनमें से ज्यादातर पंजाब और हरियाणा से हैं और अधिकतर सिख समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. 2018 की एक रिपोर्ट में बताया गया कि सिर्फ दो साल में 30,000 से ज्यादा भारतीय सिख ट्रकिंग इंडस्ट्री में शामिल हुए.

अमेरिकी सरकार के फैसले के अनुसार अब नए वीजा जारी नहीं होंगे, वर्क परमिट पर रोक और कमर्शियल लाइसेंस मिलना बंद होगा. इसका असर उन भारतीयों पर सबसे ज्यादा पड़ेगा जो पहले से अमेरिका में हैं या वहां जाकर काम करना चाहते हैं. जो लोग पहले से वैध रूप से काम कर रहे हैं, उनकी स्थिति फिलहाल खतरे में नहीं है, लेकिन वीजा रिन्यू में दिक्कत आ सकती है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर यह रोक लंबे समय तक जारी रही तो हजारों भारतीय ड्राइवरों की नौकरी छिन सकती है. 

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