वॉशिंगटन डीसी16 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी लीविट ने मंगलवार रात प्रेस ब्रीफिंग के दौरान यह बयान दिया।
अमेरिका की व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लीविट ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।
इससे पहले तक ट्रम्प प्रशासन रूस से तेल लेने पर भारत के खिलाफ की गई आर्थिक कार्रवाई को पैनल्टी या टैरिफ बताता रहा है।
ट्रम्प ने भारत पर 50 टैरिफ लगाने का फैसला किया है। इसमें 25% रेसीप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर 25% पैनल्टी है। रेसीप्रोकल टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो गया है जबकि पैनल्टी 27 अगस्त से लागू होगी।
लीविट के मुताबिक इसका मकसद रूस पर सेकेंडरी प्रेशर डालना है ताकि वह युद्ध खत्म करने पर मजबूर हो। उन्होंने कहा,

कल जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से मिले थे ट्रम्प
ट्रम्प ने सोमवार देर रात (भारतीय समयानुसार) व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की थी। ट्रम्प ने इस बातचीत को सफल बताया। वहीं जेलेंस्की ने कहा कि यह अब तक की उनकी सबसे अच्छी बातचीत रही।
हालांकि इस दौरान रूस-यूक्रेन के बीच सीजफायर पर सहमति नहीं बनी। ट्रम्प ने कहा कि फिलहाल इतनी जल्दी सीजफायर संभव नहीं है।
मीटिंग में यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी पर चर्चा हुई। ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय देश मिलकर इस पर काम करेंगे।
ट्रम्प ने मीटिंग रोककर पुतिन से फोन पर 40 मिनट बात की। इस दौरान पुतिन ने रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच सीधे बातचीत का समर्थन किया। यह बातचीत अगले 15 दिन के भीतर होगी।
मीटिंग के बाद जेलेंस्की ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि यूक्रेन सुरक्षा गारंटी के बदले यूरोप के पैसों से 90 अरब डॉलर (करीब 8 लाख करोड़ रुपए) के अमेरिकी हथियार खरीदेगा।

इस बातचीत में ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस समेत 6 यूरोपीय देशों के नेता भी शामिल हुए।
पिछले हफ्ते ट्रम्प और पुतिन ने 3 घंटे बैठक की
पुतिन और ट्रम्प ने पिछले हफ्ते 15 अगस्त को देर रात अलास्का में मुलाकात की थी। उनके बीच यूक्रेन जंग खत्म करने पर करीब 3 घंटे मीटिंग हुई। इसके बाद दोनों नेताओं ने सिर्फ 12 मिनट की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प ने बैठक को सकारात्मक बताया। उन्होंने बताया कि कई बिंदुओं पर सहमति बनी, लेकिन कोई डील नहीं हुई। कोई समझौता तभी होगा, जब वह अंतिम रूप लेगा।
ट्रम्प ने इस बैठक को 10 में से 10 अंक दिए। वहीं, पुतिन ने अगली मीटिंग मॉस्को में करने का सुझाव दिया। अपनी बात कहने के बाद दोनों नेता मंच से तुरंत चले गए।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन 10 साल बाद अमेरिका पहुंचे थे। आखिरी बार उन्होंने बराक ओबामा के कार्यकाल में अमेरिका का दौरा किया था।
पुतिन यूक्रेन का 20% हिस्सा छोड़ने को तैयार नहीं
रूस ने यूक्रेन के करीब 20% हिस्से, यानी लगभग 1 लाख 14 हजार 500 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर रखा है। इसमें क्रीमिया, डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन, और जापोरिजिया जैसे क्षेत्र शामिल हैं। रूस इन क्षेत्रों को अपनी सामरिक और ऐतिहासिक धरोहर मानता है और इन्हें छोड़ने को तैयार नहीं है।
दूसरी तरफ जेलेंस्की का कहना है कि यूक्रेन की एक इंच जमीन भी रूस को नहीं देंगे। उनका मानना है कि अगर यूक्रेन अभी पीछे हटता है तो इससे देश की संप्रभुता और सुरक्षा कमजोर हो सकती है। साथ ही रूस को भविष्य में और ज्यादा हमले करने का मौका मिल सकता है।
जेलेंस्की बिना किसी शर्त के युद्धविराम की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि रूस को किसी भी हाल में यूक्रेन का दूसरा बंटवारा नहीं करने दिया जाएगा।
—————————————-
रूस-यूक्रेन जंग से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें….
मिलिट्री वर्दी की जगह ब्लैक-सूट में ट्रम्प से मिले जेलेंस्की:जर्मन चांसलर के बयान पर मेलोनी का अजीब रिएक्शन, मस्क की कंपनी का जिक्र…PHOTOS

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार रात यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ मीटिंग की। इस बार जेलेंस्की अपनी पिछली अमेरिका यात्रा के उलट मिलिट्री वर्दी की जगह ब्लैक पैंट और शर्ट में ट्रम्प से मिले। पूरी खबर यहां पढ़ें…