
डीपसीक एआई
चीनी एआई मॉडल DeepSeek AI ने लॉन्च के साथ ही अमेरिकन सिलिकॉन वैली में भूचाल ला दिया था। गूगल, ओपनएआई समेत कई दिग्गज टेक कंपनियों के हाथ-पांव फूल गए थे लेकिन चीनी एआई मॉडल की हालत अब खस्ता हो गई है। चिप की कमी ने इस चीनी एआई मॉडल की पोल-पट्टी खोलकर रख दी है। एक समय ऐसा लग रहा था कि यह चीनी एआई मॉडल ChatGPT, Google Gemini जैसे एआई मॉडल से आने निकल जाएगा। हालांकि, अब पूरी तस्वीर बदल चुकी है।
क्या है मामला?
चीन ने दावा किया था कि यह एआई मॉडल पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर बना है और अमेरकी टेक्नोलॉजी पर इसकी निर्भरता नहीं है। डीपसीक ने अपने R2 मॉडल को ट्रेन करने के लिए चीनी कंपनी हुआवे का Ascend चिप इस्तेमाल किया था। कंपनी का दावा था कि यह चिप एआई के आगे के डेवलपमेंट में काम करेगा। हालांकि, अब चीनी एआई मॉडल को अमेरिकी चिप की जरूरत है। कंपनी के इंजीनियर्स ने इस बात को स्वीकार किया है कि हुआवे के चिप इतने बड़े पैमाने पर मॉडल को ट्रेन करने के लिए भरोसेमंद नहीं हैं।
इंजीनियर्स का कहना है कि हुआवे के चिप्स इतने बड़े पैमाने पर एआई को आगे बढ़ाने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इसकी परफॉर्मेंस स्थिर नहीं है और कम स्पीड वाले नेटवर्क कनेक्शन और सॉफ्टवेयर टूल्स की कमी खल रही है। डीपसीक को अपने R2 मॉडल को एडवांस बनाने के लिए अमेरिकी कंपनी Nvidia के चिप्स पर निर्भर रहना होगा। हुआवे के चिप्स का इस्तेमाल केवल इंटरफेस के लिए होगा।
कहां फंसा पेंच?
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड-वॉर की वजह से डोनाल्ड ट्रंप ने चीन तक एडवांस स्तर के चिप्स पहुंचाने पर रोक लगा दी है। हार्डवेयर की कमी की वजह से डीपसीक का प्रोजेक्ट अटक गया है। इस एआई मॉडल में CUDA सॉफ्टवेयर इकोसिस्टम काम नहीं कर रहा है, जिसकी वजह से इसकी परफॉर्मेंस प्रभावित हो रही है।
नियमों के मुताबिक, Nvidia चीनी कंपनी को अपने सबसे एडवांस A100 और H100 चिप नहीं बेच सकता है। डीपसीक ने अपने एआई मॉडल को चलाने के लिए अब इन चिप्स को सिंगापुर और मिडिल ईस्ट की शेल कंपनियों के जरिए जुटाया है। फिर भी इस एआई मॉडल के काम को सुचारू तौर पर जारी रखने के लिए और भी Nvidia के चिप्स की जरूरत होगी।
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