जम्मू-कश्मीर में घाटी और अलगाववाद से जुड़ी 25 किताबों को राज्यपाल के प्रशासन ने बैन कर दिया है. पुलिस दुकानों पर जाकर ये किताबें खोज रही है और उसे जब्त कर रही है. इस बीच अब मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बैन को लेकर एक यूजर ने उमर अब्दुल्ला को टैग करते हुए उनपर सवाल उठाए थे. उसने लिखा, ”उमर अब्दुल्ला किताबों से प्रतिबंध हटाओ. अपनी बाकी जिंदगी में तुम एक ऐसे कायर के रूप में जाने जाओगे जो किताबों से डरता था. किताबों से प्रतिबंध हटाओ.”
उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?
इसके जवाब में उमर अब्दुल्ला ने कहा, ”ओ अज्ञानी, तथ्यों को सही कर लें, इससे पहले कि मुझे कायर कहो. यह प्रतिबंध एलजी ने लगाया है, जो एकमात्र विभाग वह आधिकारिक रूप से नियंत्रित करते हैं वो है गृह विभाग. मैंने कभी किताबों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है और न ही कभी लगाऊंगा.”
Get your facts right before you call me a coward you ignoramus. The ban has been imposed by the LG using the only department he officially controls – the Home Department. I’ve never banned books & I never would. pic.twitter.com/bWX3HHhG8N
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 7, 2025
5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने किताबों के बैन को लेकर आदेश जारी किया था. आदेश के अनुसार, मौलाना मौदादी, अरुंधति रॉय, ए जी नूरानी, विक्टोरिया स्कोफील्ड और डेविड देवदास जैसे प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखी गई पुस्तकें जम्मू-कश्मीर में “अलगाववाद” का प्रचार करती हैं और इन्हें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 98 के अनुसार “जब्त” घोषित किया जाना चाहिए.
25 किताबों पर बैन
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