भारत और कनाडा के रिश्तों में जहां हाल ही में सुधार की उम्मीदें दिख रही थीं, वहीं अब एक नई घटना ने इन प्रयासों को झटका दे दिया है. कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में कट्टरपंथी सिख तत्वों ने ‘रिपब्लिक ऑफ खालिस्तान’ नाम से एक प्रतीकात्मक “दूतावास” खोल दिया है.
यह कथित दूतावास सरे स्थित गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के एक हिस्से में स्थापित किया गया है. इस दूतावास के उद्घाटन का समय ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) नामक प्रतिबंधित संगठन द्वारा आयोजित ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ की तैयारियों के साथ मेल खाता है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए हैं.
भारत-कनाडा कूटनीति पर असर
भारत और कनाडा के बीच हाल ही में शुरू हुआ संवाद फिर से प्रभावित हो सकता है. जी7 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की मुलाकात को रिश्तों में सुधार की शुरुआत माना जा रहा था. लेकिन सरे में खालिस्तान का प्रतीकात्मक दूतावास खोलना इस प्रयास को कमजोर कर सकता है.
निज्जर की मौत के बाद पैदा हुआ विवाद
कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार पर आरोप लगाए थे, जिसे भारत ने पूरी तरह खारिज कर दिया था. हालांकि हालिया समय में दोनों देशों ने रिश्तों में सुधार के संकेत दिए थे.
भारत की पुरानी आपत्ति
भारत लगातार कनाडा से कहता रहा है कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत-विरोधी गतिविधियों के लिए न होने दे. खासकर खालिस्तानी संगठनों की गतिविधियों को लेकर भारत की चिंताएं दशकों से रही हैं. 1985 में हुए एयर इंडिया बम धमाके से लेकर अब तक भारत इस मुद्दे पर कई बार कनाडा को चेतावनी दे चुका है.
कनाडा की इंटेलिजेंस एजेंसी की रिपोर्ट
कनाडा की खुफिया एजेंसी CSIS ने जून 2025 में अपनी रिपोर्ट में पहली बार स्वीकार किया कि कनाडा में रह रहे खालिस्तानी उग्रपंथी राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 में ऐसे किसी हमले की जानकारी नहीं मिली, लेकिन खालिस्तानी तत्व फंडिंग, योजनाएं बनाने और विदेशी जमीन पर हिंसा को अंजाम देने की दिशा में सक्रिय हैं.
निज्जर हत्याकांड में चार गिरफ्तार
निज्जर की हत्या के मामले में मई 2024 में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन पर प्रथम श्रेणी हत्या और हत्या की साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं. यह मामला अभी भी जांच के दायरे में है.