भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राहुल गांधी के उस बयान की शुक्रवार (18 जुलाई, 2025) को आलोचना की, जिसमें कांग्रेस नेता ने उनके बहनोई के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण और राजनीति से प्रेरित कार्रवाई करने का सरकार पर आरोप लगाया था.
भाजपा ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता की टिप्पणी दर्शाती है कि उनकी पार्टी अब भी ‘आपातकालीन मानसिकता’ में विश्वास करती है और न्यायिक प्रक्रिया की परवाह नहीं करती है.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाड्रा पर चार्जशीट
भाजपा ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है, जब प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) की ओर से हरियाणा के शिकोहपुर में एक जमीन सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने शुक्रवार को इसे दुर्भावनापूर्ण और राजनीति से प्रेरित कार्रवाई करार दिया और कहा कि वह अपने बहनोई और उनके परिवार के साथ खड़े हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहीन सिन्हा ने आरोप लगाया कि गांधी ने अपनी टिप्पणी से यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने बहनोई के ‘काले कारनामों’ से पूरी तरह वाकिफ थे और हो सकता है कि वह इसमें शामिल भी रहे हों. सिन्हा ने असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिश्व शर्मा के खिलाफ हाल ही में की गई टिप्पणी के लिए भी गांधी की आलोचना की और उन पर एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करवाने की ‘धमकी’ देने का आरोप लगाया.
‘अब भी आपातकाल वाली मानसिकता’
तुहीन सिन्हा ने यहां भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘रॉबर्ट वाड्रा के मामले में उन्होंने जिस तरह का बयान दिया और हाल ही में असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के बारे में जो कहा, उससे पता चलता है कि कांग्रेस का न्यायिक प्रक्रिया या जांच की प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है.’
सिन्हा ने 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी सरकार की ओर से लगाए गए आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा, ‘कांग्रेस अब भी आपातकाल वाली मानसिकता में विश्वास करती है और देश में वही हेर-फेर करना चाहती है, जो वह 50 साल पहले कर रही थी.’
असम सीएम को लेकर क्या था राहुल गांधी का बयान?
उन्होंने कहा कि शर्मा असम के निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं और उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है. भाजपा नेता ने गांधी से पूछा, ‘क्या आप किसी को भी उठाकर जेल में डलवा देंगे?’ राहुल गांधी ने असम के चायगांव में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को बुधवार को संबोधित करते हुए दावा किया था कि मुख्यमंत्री हिमन्त बिश्व शर्मा खुद को ‘राजा’ समझते हैं, लेकिन राज्य की जनता भ्रष्टाचार के लिए उन्हें जेल में पहुंचा देगी.
ये भी पढ़ें:- तेलंगाना के 14 गांवों का महाराष्ट्र में होगा विलय! मंत्री के बयान पर बवाल, BJP और कांग्रेस ने जताई नाराजगी