अगर आपकी गाड़ी का नेशनल हाइवे पर किसी भी तरह से टोल बकाया है तो आप उसे तुरंत चुका दें, तो बेहतर होगा। दरअसल, सड़क परिवहन मंत्रालय एक नए नियम लाने की तैयारी कर रहा है जिसमें बिना टोल बकाया चुकाए गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रिन्युअल (RC), इंश्योरेंस रिन्युअल, ओनरशिप ट्रांसफर, ट्रांसफर या फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) नहीं मिलेगा। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, मंत्रालय ने मोटर व्हीकल नियमों में संशोधन के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है।
मंत्रालय का क्या है मकसद
खबर के मुताबिक, मंत्रालय की इस पहल का मकसद डिजिटल माध्यम से टोल शुल्क की वसूली को बढ़ावा देना और यह सुनिश्चित करना है कि टोल वाले हाइवे पर कोई भी बिना टोल भुगतान किए यात्रा न कर सके। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने मल्टी लेन फ्री फ्लो (एमएलएफएफ) सिस्टम लागू किया है, जिसमें टोल वसूलने के लिए कोई फिजिकल बैरियर नहीं होगा। इसके चलते डिजिटल तरीके से टोल वसूली की अहमियत और बढ़ गई है।
नए प्रावधान में क्या है
ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में यह प्रावधान है कि अगर किसी वाहन के खिलाफ सिस्टम में टोल शुल्क बकाया दिखता है, तो संबंधित रजिस्ट्रेशन प्राधिकरण मोटर वाहन कर जमा करने या स्वामित्व के ट्रांसफर से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करेगा। अगर गाड़ी पर वैध FASTag नहीं लगा है या किसी टोल पॉइंट पर टोल शुल्क का भुगतान नहीं किया गया है, तो उसे बकाया शुल्क माना जाएगा और गाड़ी के लिए आरसी, इंश्योरेंस या एनओसी जारी नहीं किया जाएगा।
15 अगस्त से फास्टैग के नियम बदलेंगे
सरकार आगामी 15 अगस्त से फास्टैग के नियम में बदलाव करने जा रही है। सरकार की इस पहल के तहत 15 अगस्त 2025 से ₹3,000 की कीमत वाला FASTag आधारित वार्षिक पास शुरू किया जा रहा है। यह पास सक्रिय होने की तारीख से एक साल तक या 200 यात्राओं तक, जो भी पहले हो, वैध रहेगा। यह पास केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों (कार, जीप, वैन आदि) के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है और यह देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा को संभव बनाएगा।