India’s Trade Deficit: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों की इस तरह से पोल खुल जाएगी, शायद इस बात की किसी ने भी कल्पना नहीं की होगी. तमाम वैश्विक हलचल के बीच भारत सरकार की तरफ से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश का व्यापार घाटा जून में घटकर 18.78 अरब डॉलर रह गया, जबकि मई में यह 21.88 अरब डॉलर था. देश का वस्तु निर्यात जून महीने में 35.14 अरब डॉलर पर स्थिर रहा. बाजार विशेषज्ञों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स के एक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया था कि जून में भारत का व्यापार घाटा 22.24 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जून में भारत का निर्यात लगभग स्थिर रहा और 35.14 अरब डॉलर का दर्ज किया गया. पिछले साल जून में यह 36.16 अरब डॉलर था. वहीं, आयात में 3.17 प्रतिशत की गिरावट आई और यह घटकर 53.91 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले 56 अरब डॉलर था.
सर्विस सेक्टर में तेजी
जून के महीने में सर्विस एक्सपोर्ट 32.84 अरब डॉलर का रहा, जिससे 15.26 अरब डॉलर का सरप्लस हुआ. वहीं दूसरी तरफ सर्विस सेक्टर में इंपोर्ट 17.58 अरब डॉलर का रहा. पेट्रोलियम, कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा, लौह अयस्क, तिलहन, काजू, मसाले, तंबाकू और कॉफी सहित प्रमुख निर्यात क्षेत्रों में महीने के दौरान गिरावट दर्ज की गई.
पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात जून में 15.92 प्रतिशत घटकर 4.61 अरब डॉलर और पहली तिमाही के दौरान 15.63 प्रतिशत कम होकर 17.4 अरब अमेरिकी डॉलर रहा. हालांकि, इंजीनियरिंग, चाय, चावल, सभी प्रकार के सिलेसिलाए परिधान, रसायन, समुद्री उत्पाद और औषधि के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है.
इलेक्ट्रॉनिक सामान का बढ़ा निर्यात
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल का कहना है कि 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान देश का वस्तु एवं सेवा निर्यात 210 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जो सालाना आधार पर लगभग छह प्रतिशत की वृद्धि है. उन्होंने कहा, ‘‘अगर वृद्धि इसी तरह जारी रही, तो हम पिछले साल के निर्यात के आंकड़े को पार कर जाएंगे.’’वित्त वर्ष 2024-25 में, भारत का वस्तु एवं सेवा निर्यात 825 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर रहा था.
इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात जून में 46.93 प्रतिशत बढ़कर 4.14 अरब डॉलर हो गया. वहीं अप्रैल-जून तिमाही के दौरान यह 47.11 प्रतिशत बढ़कर 12.4 अरब डॉलर हो गया. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून तिमाही के दौरान निर्यात 1.92 प्रतिशत बढ़कर 112.17 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि आयात 4.24 प्रतिशत बढ़कर 179.44 अरब डॉलर रहा. अप्रैल-जून, 2025 के दौरान वस्तु व्यापार घाटा बढ़कर 67.26 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 62.10 अरब डॉलर था.
क्रूड ऑयल के आयात में कमी
भारतीय निर्यातकों के शीर्ष निकाय फियो के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने सरकार से, विशेष रूप से सेवाओं के क्षेत्र में, एक स्पष्ट, क्षेत्र-केंद्रित निर्यात रणनीति बनाए रखने का आग्रह किया. रल्हन ने कहा, ‘‘भारत की डिजिटल क्षमताओं और कुशल कार्यबल के साथ, सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने की काफी संभावनाएं हैं. डिजिटल बुनियादी ढांचे, प्रतिभा विकास और लक्षित अंतरराष्ट्रीय प्रोत्साहन में निवेश इस बढ़ती हुई गति को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होगा.’’
आयात के मोर्चे पर, कच्चे तेल का आयात 8.37 प्रतिशत 13.8 अरब डॉलर और सोने का आयात 25.73 प्रतिशत घटकर और 1.9 अरब डॉलर आ गया. इसके अलावा, जून में सेवा निर्यात का अनुमानित मूल्य 32.84 अरब डॉलर है, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने यह 28.67 अरब डॉलर था.
ये भी पढ़ें: दुनिया के वो देश जहां पर नहीं लगता कोई टैक्स, जानें फिर कैसे चलती है इनकी अर्थव्यवस्था!