तमिलनाडु में तीन वरिष्ठ नागरिकों ने यह दिखा दिया है कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती. हाल ही में राज्य के तीन बुजुर्गों ने वो कर दिखाया जिसकी उम्मीद कोई नहीं कर रहा था. जहां पढ़ाई के प्रेशर के चलते जवान बच्चे सुसाइड कर लेते हैं तो वहीं 68, 67 और 60 साल की उम्र के इन तीन अभ्यर्थियों, जिनमें से दो पेशे से वकील हैं, ने इस साल NEET परीक्षा पास की है और अब उन्होंने MBBS पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन भी कर दिया है. इनका यह निर्णय अब राज्य की मेडिकल एडमिशन कमेटी के लिए एक नई चुनौती बन गया है, क्योंकि आमतौर पर इतनी उम्र में मेडिकल कोर्स करने वाले उम्मीदवार सामने नहीं आते.
35 साल से ज्यादा के 25 अभ्यर्थी
राज्य चयन समिति के अधिकारियों के अनुसार, इस साल 35 वर्ष से अधिक आयु के कम से कम 25 उम्मीदवार मेडिकल और डेंटल पाठ्यक्रम में प्रवेश की दौड़ में शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि 2017 के बाद यह पहला मौका है जब मध्यम आयु वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों की इतनी बड़ी संख्या मेडिकल कोर्स में दाखिला लेने की कोशिश कर रही है. बता दें कि नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने NEET परीक्षा में बैठने के लिए आयु और प्रयासों की सीमा को पहले ही हटा दिया है, जिससे अब किसी भी उम्र का व्यक्ति मेडिकल परीक्षा में शामिल हो सकता है. इसी के तहत तीनों बुजुर्ग छात्रों ने परीक्षा दी और उसे पास भी कर दिखाया
इस कोटे के तहत किया आवेदन
चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ वरिष्ठ उम्मीदवारों ने इतने अंक प्राप्त किए हैं कि वे राज्य सरकार की आरक्षण नीति के तहत जिसमें कुल 69% सीटें आरक्षित हैं सरकारी मेडिकल कॉलेज में रियायती दर पर या निजी कॉलेज में निःशुल्क पढ़ाई कर सकते हैं. इन तीनों ने सरकारी स्कूल छात्रों के लिए आरक्षित 7.5% विशेष कोटे के तहत आवेदन किया है, जो पात्र छात्रों को सरकारी या निजी संस्थानों में बिना फीस के MBBS पढ़ने का अवसर देता है.
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