केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नकली और घटिया उर्वरकों की बिक्री के खिलाफ तत्काल और कड़ी कार्रवाई करने को कहा। मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में चौहान ने उनसे उर्वरक उत्पादन और बिक्री की नियमित निगरानी करने के साथ-साथ नकली और घटिया उत्पादों के नमूने लेने और परीक्षण करने को कहा है। उन्होंने कहा, “पारंपरिक उर्वरकों के साथ नैनो-उर्वरकों पर जबरन टैगिंग तुरंत बंद की जानी चाहिए।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दोषियों के खिलाफ लाइसेंस रद्द करने और एफआईआर दर्ज करने सहित सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए और दोषसिद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी अभियोजन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे किसानों और कृषक समूहों को निगरानी प्रक्रिया में शामिल करने के लिए प्रतिक्रिया और सूचना प्रणालियां विकसित करें और किसानों को असली-नकली उत्पादों की पहचान करने के बारे में शिक्षित करने के लिए विशेष प्रयास करें।
राज्यव्यापी अभियान शुरू करने को कहा
मंत्री ने सभी राज्यों से नकली और घटिया कृषि आदानों की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए उपरोक्त निर्देशों के अनुसार राज्यव्यापी अभियान शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने आगे कहा कि राज्य स्तर पर इस कार्य की नियमित निगरानी से किसानों के हित में एक प्रभावी और स्थायी समाधान निकलेगा। चौहान ने सही समय पर, किफायती दामों पर और मानक गुणवत्ता वाले उर्वरक उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। आधिकारिक बयान के अनुसार, “यह पत्र नकली उर्वरकों की बिक्री, सब्सिडी वाले उर्वरकों की कालाबाजारी और देशभर में जबरन टैगिंग जैसी अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से जारी किया गया है।” केंद्रीय मंत्री ने बताया कि नकली या घटिया उर्वरकों की बिक्री उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 के तहत प्रतिबंधित है, जो आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत आता है।
पशुपालन के बिना खेती लाभ का धंधा नहीं
हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि पशुपालन अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसके बिना खेती लाभ का धंधा नहीं बन सकती। चौहान ने कहा, पशुपालन के बिना खेती लाभकारी नहीं हो सकती है, इसलिए यह आज भी महत्वपूर्ण है तथा आगे और भी काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शक्तिशाली, विकसित भारत का महाअभियान चल रहा है, जिसमें पशुपालन का बड़ा योगदान है।