वॉशिंगटन डीसी2 मिनट पहले
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व्हाइट हाउस में 8 जुलाई को एक कैबिनेट बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ। (बाएं से दाएं)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मेक्सिको और यूरोपीय यूनियन पर 30% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि 1 अगस्त से इन दोनों देशों से अमेरिका में आने वाले सामान पर टैरिफ लागू होगा। इस कदम की जानकारी उन्होंने अपने ‘ट्रुथ सोशल’ प्लेटफॉर्म पर दी।
ट्रम्प ने दोनों को ये भी धमकी दी कि अगर वे जवाबी कार्रवाई करते हैं, तो टैरिफ रेट और बढ़ा दी जाएगी।
ट्रम्प ने चिट्ठी में साफ लिखा-

अगर आप जवाबी कार्रवाई करते हैं और टैरिफ बढ़ाते हैं, तो वो जितने भी प्रतिशत हों, मैं उन्हें हमारे 30% में जोड़ दूंगा।
ये वही तरह की चिट्ठी है जो ट्रम्प ने दुनिया के कई बिजनेस पार्टनर्स को भेजी है, जिसमें अमेरिका में आने वाले विदेशी सामानों पर भारी टैरिफ लगाने की बात की गई है।
टैरिफ पर 6 महीने से चल रही थी बातचीत
टैरिफ को लेकर यूरोपीय यूनियन और मेक्सिको, अमेरिका के साथ बीते 6 महीने से बातचीत कर रहे थे। लेकिन ट्रम्प के फैसले से यह साफ हो गया है कि उनके बीच डील नहीं हो पाई।
यूरोपीय यूनियन दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है। इसमें यूरोप के 27 देश शामिल हैं। अमेरिका, यूरोपीय यूनियन के बीच हर दिन लगभग 3.5 अरब डॉलर का व्यापार होता है। वहीं, मेक्सिको अमेरिका का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है।
ट्रम्प ने फेंटेनाइल की तस्करी को जिम्मेदार बताया
ट्रम्प ने मेक्सिको के राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी में कहा कि यह टैरिफ मेक्सिको में फैले फेंटेनाइल ड्रग के चलते लगाया जा रहा है। उन्होंने मेक्सिकन ड्रग कार्टेल्स को दुनिया के सबसे बुरा बताया और कहा कि ये कार्टेल्स फेंटेनाइल जैसी घातक दवाओं को अमेरिका में ला रहे हैं।
ट्रम्प ने कहा कि मेक्सिको इन कार्टेल्स को रोकने में नाकाम रहा है। इसीलिए, अब अमेरिका मेक्सिको से आने वाले सभी उत्पादों पर टैरिफ लगा रहा है।

मेक्सिको के साथ US का फ्री ट्रेड एग्रीमेंट
गौरतलब है कि अमेरिका का मेक्सिको के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट है। इसके तहत दोनों देशों के बीच होने वाले किसी भी तरह के आयात-निर्यात पर टैरिफ (शुल्क) नहीं लगता है। ट्रम्प ने अपने पिछले कार्यकाल में मेक्सिको और कनाडा के साथ नॉर्थ अमेरिका फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (NAFTA) किया था।

ट्रम्प के टैरिफ से अमेरिका को भी नुकसान
CNN के मुताबिक मेक्सिको की अर्थव्यस्था में ऑटोमोबाईल इंडस्ट्री का बड़ा योगदान है। अमेरिका में बिकने वाली लगभग 25% गाड़ियां मेक्सिको में बनती हैं। टैरिफ बढ़ाने से अमेरिका में इन गाड़ियों की कीमत में इजाफा होगा।
मेक्सिको के इकोनॉमी मिनिस्टर ने कहा कि अमेरिका में बिकने वाले 88% पिक-अप ट्रक मेक्सिको में ही बनते हैं। ये अमेरिका के ग्रामीण इलाकों में काफी बिकते हैं, जहां से ट्रम्प को भारी वोट मिले हैं।
अगर ट्रम्प मेक्सिको से आने वाले सामान पर टैरिफ लगाते हैं, तो इससे गाड़ियों की कीमत में 3 हजार डॉलर तक का इजाफा हो सकता है। इससे न सिर्फ अमेरिकी कंपनियों को नुकसान झेलना पड़ेगा, बल्कि अमेरिकी इकोनॉमी पर भी बुरा असर पड़ेगा।
एक्सपर्ट के मुताबिक टैरिफ बढ़ाने का फैसला अमेरिकी कंपनियों के लिए बुरा साबित हो सकता है। उनका कहना है कि यह टैरिफ ‘डेट्रायट थ्री ऑटोमेकर्स’ के मुनाफे पर बड़ा असर डाल सकता है।
डेट्रायट थ्री में जनरल मोटर्स, फोर्ड और स्टेलेंटिस आते हैं। ये तीनों अमेरिका की सबसे बड़ी गाड़ी बनाने वाली कंपनियां हैं। ये कंपनियां मेक्सिको में अपनी गाड़ियां बनाती हैं और अमेरिका मे बेचती हैं।