
सही मुद्रा में बैठें: जब भी आप बैठें तो पीठ सीधी रखें, कंधे ढीले हों और स्क्रीन आपकी आंखों के लेवल पर हो. गलत पोस्चर से होने वाला दबाव गर्दन की मांसपेशियों पर नहीं पड़ता और दर्द से बचाव होता है.

मोबाइल यूज करते समय गर्दन न झुकाएं: मोबाइल को आंखों की सीध में लाकर देखें और बार-बार गर्दन को स्ट्रेच करें. “टेक नेक” जैसी स्थिति से बचा जा सकता है, जो मोबाइल की वजह से होने वाला सबसे आम दर्द है.

गर्म पानी से सेक करें: गर्दन पर हल्के गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड से 15 मिनट तक सेक करें.गर्माहट मांसपेशियों को रिलैक्स करती है और जकड़न कम करती है.

हल्के स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें: दिन में 2 बार गर्दन को दाएं-बाएं घुमाएं, ऊपर-नीचे झुकाएं और रोटेशन करें.ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और मांसपेशियों की लचीलापन बढ़ता है.

तकिया और सोने की पोजिशन पर ध्यान दें: ना बहुत ऊंचा तकिया लें, ना बहुत सख्त। पीठ के बल सोने की आदत डालें. सोते वक्त गर्दन को सही सपोर्ट मिलने से दर्द की आशंका कम होती है.

लंबे समय तक एक ही पोजिशन में न रहें: हर 30- मिनट में एक बार उठकर थोड़ा चलें या स्ट्रेच करें.गर्दन की मांसपेशियों पर लगातार दबाव नहीं पड़ता और दर्द से राहत मिलती है.
Published at : 10 Jul 2025 06:51 PM (IST)