Wednesday, July 9, 2025
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Father wanted Akashdeep to become an IAS officer, he was annoyed with cricket | Indian Cricketer Akashdeep story | पिता चाहते थे आकाशदीप IAS अफसर बने, क्रिकेट से चिढ़ते: लखनऊ में मां बोलीं- मैं बैट-बॉल लाने के लिए उसे छिपाकर पैसे देती थी – Lucknow News


‘उसके पापा टीचर थे तो उन्हें पढ़ाई-लिखाई पसंद थी। वह खेलकूद से चिढ़ते थे। वह चाहते थे कि आकाशदीप IAS अफसर बने। आकाशदीप का बचपन से क्रिकेट में अच्छा लगाव था। मैं उसके पापा से चोरी-छिपे उसे बैट-बॉल लाने के लिए पैसे देती थी। मैं क्रिकेट के बारे में कुछ

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यह कहना है इंडियन क्रिकेटर आकाशदीप की मां लड्डूमा देवी का। आकाश ने इंग्लैंड में 187 रन देकर महत्वपूर्ण 10 विकेट लिए। उनके बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत इंडिया ने 6 जून को दूसरे टेस्ट के पांचवें और अंतिम दिन इंग्लैंड को 336 रन से हरा दिया। इस जीत के बाद आकाशदीप ने बेहद इमोशनल होकर यह बताया कि उनकी बहन कैंसर से जूझ रही हैं और यह जीत उन्हीं को समर्पित है। यह जानकारी होते ही दैनिक भास्कर पहुंचा लखनऊ स्थित उनके घर। यहां उनकी कैंसर पीड़ित बहन अखंड ज्योति और मां लड्डूमा से मिला। मां और बहन ने आकाशदीप के बारे में जो बताया उसे पढ़िए…

घर की 3 तस्वीरें देखिए…

इंडियन क्रिकेटर आकाशदीप की मां लड्डूमा देवी और बहन अखंड ज्योति सिंह।

इंडियन क्रिकेटर आकाशदीप की मां लड्डूमा देवी और बहन अखंड ज्योति सिंह।

आकाशदीप के घरवाले इंग्लैंड के साथ हो रहे टेस्ट मैच के दौरान लखनऊ में पूजा-पाठ कर रहे थे।

आकाशदीप के घरवाले इंग्लैंड के साथ हो रहे टेस्ट मैच के दौरान लखनऊ में पूजा-पाठ कर रहे थे।

तस्वीर में क्रिकेटर आकाशदीप अपने परिवार के साथ दिख रहे हैं।

तस्वीर में क्रिकेटर आकाशदीप अपने परिवार के साथ दिख रहे हैं।

उसके पापा नाराज होते रहे, वह खेलता रहा

आकाशदीप की मां ने बताया- उसके पापा बिहार में सरकारी विद्यालय में टीचर थे। आकाशदीप 6 भाई और बहन हैं। बड़े भाई की मौत कैंसर से हो चुकी है। आकाशदीप भाई-बहनों में सबसे छोटा है। उसको बचपन से ही क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था। उसके पिता को यह नहीं पसंद था। वह आकाशदीप के ऊपर बहुत नाराज होते थे। आकाश ने इंटर तक पढ़ाई की। उसके बाद क्रिकेट प्रैक्टिस करता रहा। पिताजी नाराज होते रहे और वह खेलता रहा।

बहन से गहरा लगाव है आकाश का

मां ने आकाशदीप की सबसे बड़ी बहन अखंड ज्योति सिंह की बीमारी के बारे में बताया। उन्होंने कहा- वह इन दिनों इंटेस्टाइन कैंसर के थर्ड स्टेज से जूझ रही है। यह जानकारी होने पर भास्कर टीम ने आकाशदीप के जीजा नीतीश कुमार सिंह से बात की। उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी उन्हें दो महीने पहले मई में हुई। उसके बाद दिल्ली अपोलो में इनका लगातार इलाज चल रहा है। एक बार सर्जरी हुई और अब कीमोथेरेपी भी चल रही है।

आकाशदीप की मां लड्डूमा ने टीम को बताया- उसे (आकाशदीप को) अपनी इस बहन से बहुत लगाव है।

आकाशदीप की मां लड्डूमा ने टीम को बताया- उसे (आकाशदीप को) अपनी इस बहन से बहुत लगाव है।

यह सब सुन रहीं आकाशदीप की मां लड्डूमा ने टीम को बताया- उसे (आकाशदीप को) अपनी इस बहन से बहुत लगाव है। उसने अपने अब तक के करियर के बेस्ट को बहन के लिए समर्पित किया। शायद वह भी बहन का कष्ट महसूस कर पा रहा है इसलिए अपने जज्बात काबू नहीं कर सका। सात समुंदर पार से उसने अपनी बहन की बीमारी का जिक्र कर पूरी दुनिया को बता दिया। यह उसकी बहन के प्रति लगाव दर्शाता है।

भाई की मेहनत पर पूरा भरोसा था

अखंड ज्योति सिंह ने बताया- भाई बहुत टैलेंटेड और मेहनती है। जिस समय टीवी पर उसने मेरा नाम लिया तो मेरे आंसू नहीं रुक रहे थे। हम लोग IPL में भाई का मैच देखने के लिए इकाना स्टेडियम जाते थे। 30 मई को इंग्लैंड जाने से पहले यहां आया था। मुलाकात करके यही से इंग्लैंड के लिए रवाना हुआ। उन्होंने फेवरेट खिलाड़ी के बारे में बताया- अपने भाई के अलावा महेंद्र सिंह धोनी भी फेवरेट हैं। कहा- भाई की मेहनत पर पूरा भरोसा था कि जीवन में ये बड़ी सफलता जरूर हासिल करेगा। ये बातें कहते हुए ज्योति कि आंखों में आंसू के साथ खुशी भी झलक रही थी।

आकाशदीप की बहन अखंड ज्योति ने कहा- भाई बहुत टैलेंटेड और मेहनती है।

आकाशदीप की बहन अखंड ज्योति ने कहा- भाई बहुत टैलेंटेड और मेहनती है।

बिहार में आकाशदीप ने खोली क्रिकेट अकादमी

मां ने बताया- बिहार से टीम इंडिया में कोई नहीं गया था इसलिए डर था कि पता नहीं क्या भविष्य होगा। आकाशदीप बहुत मेहनत करता था और उसकी मेहनत अब रंग लाई। हम लोग मिलकर प्रार्थना करते हैं कि आकाश के साथ टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी ऐसे ही देश का नाम रोशन करें। आकाशदीप ने बिहार के सासाराम में क्रिकेट अकादमी खोली है। उसमें आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे क्रिकेट की ट्रेनिंग दी जा रही है। हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में बड़ी संख्या में बिहार के बच्चे टीम इंडिया में खेलते हुए नजर आएं।

10 विकेट लेकर रचा इतिहास

आकाशदीप ने इंग्लैंड में 187 रन देकर 10 विकेट लिए। रविवार को दूसरे टेस्ट के पांचवें और अंतिम दिन इंग्लैंड को 336 रन से हराकर एजबेस्टन में 58 साल पुराने मिथक को तोड़ते हुए ऐतिहासिक जीत हासिल की। आकाशदीप की धारदार इन-कटर के सामने जो रूट, बेन डकेट, ओली पोप और हैरी ब्रुक जैसे खिलाड़ी भी चकमा खा गए।

बता दें कि, आकाशदीप ने फरवरी 2024 में इंग्लैंड खिलाफ ही डेब्यू किया था। 23 फरवरी को रांची में खेले गए चौथे टेस्ट की पहली पारी के पहले ही सेशन में 3 टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों को आउट किया था।

10 विकेट लेने का आकाशदीप ने टीम इंडिया के साथ जश्न मनाया।

10 विकेट लेने का आकाशदीप ने टीम इंडिया के साथ जश्न मनाया।

इस तरह से आकाशदीप ने मैच में बनाई जगह

आकाशदीप को पहले मैच में प्लेइंग-11 में मौका नहीं मिला था, लेकिन इस बार बुमराह की गैरहाजिरी में उन्होंने दोनों पारियों में बेहतरीन गेंदबाजी की। पहली पारी में आकाशदीप ने 88 रन देकर 4 विकेट लिए। वहीं, दूसरी पारी में इन्होंने 99 रन देकर 6 विकेट लिए। आकाशदीप ने अपनी सीम मूवमेंट से पूरे मैच में इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान रखा। नई गेंद से उन्होंने दोनों पारियों में भारतीय टीम को ब्रेक-थ्रू दिलाए।

बिहार के सासाराम से टीम इंडिया तक का सफर

आकाशदीप का जन्म 15 दिसंबर 1996 को बिहार के देहरी, सासाराम में हुआ था। उन्होंने बचपन से ही क्रिकेट को अपना सपना बनाया, लेकिन इस राह में उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा। जब बिहार क्रिकेट एसोसिएशन निलंबित था, तब उनके पास कोई मंच नहीं था। पड़ोसियों तक ने अपने बच्चों को आकाश से दूर रहने की सलाह दी थी, ताकि उनके बच्चे पढ़ाई छोड़ क्रिकेट की राह पर न चले जाएं।

गांव वाले घर में मौजूद आकाशदीप की सारी शील्ड, कप और ट्रॉफी।

गांव वाले घर में मौजूद आकाशदीप की सारी शील्ड, कप और ट्रॉफी।

बंगाल में घर चलाने के लिए क्रिकेट को बनाया पेशा

शुरुआत में आकाश अपनी बहन के साथ दिल्ली चले गए थे। यहां से उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की। फिर बंगाल में क्लब क्रिकेट खेला। बाद में घरेलू क्रिकेट में बंगाल का प्रतिनिधित्व भी किया।

घर खर्च के लिए देते थे 25 हजार

घर का खर्च चलाने के लिए आकाशदीप अपने एक दोस्त की मदद से दुर्गापुर में एक क्रिकेट क्लब से जुड़े। वहीं, टेनिस बॉल क्रिकेट खेलकर उन्होंने हर दिन 800 रुपए तक कमाए और महीने के करीब 25 हजार रुपए परिवार को भेजते थे। बाद में वे कोलकाता चले आए और CAB लीग में यूनाइटेड क्लब से खेले।

उनकी लंबाई और गेंदबाजी की धार को देखकर कोच ने उन्हें तेज गेंदबाज बनने के लिए प्रेरित किया। आकाशदीप को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर बैन की वजह से बंगाल जाना पड़ा था।

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