
आज की तेज रफ्तार जिंदगी में ज्यादातर लोग रिटायरमेंट के बारे में बहुत देर से सोचना शुरू करते हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर 30 साल की उम्र से पहले सही प्लानिंग कर ली जाए, तो 60 की उम्र तक करोड़पति बनना कोई मुश्किल काम नहीं है। रिटायरमेंट प्लानिंग जितनी जल्दी शुरू होती है, उतना ही बड़ा फायदा कंपाउंडिंग के जरिए मिलता है।
क्यों जरूरी है जल्दी शुरुआत?
30 की उम्र में आपके पास सबसे बड़ी पूंजी ‘टाइम’ होता है। मान लीजिए आप 25-28 साल की उम्र से इन्वेस्टमेंट शुरू करते हैं और 60 साल तक लगातार निवेश करते हैं, तो 30-35 साल का लंबा समय आपके पैसे को कई गुना बढ़ा सकता है। यही कंपाउंडिंग की ताकत है, जहां ब्याज पर भी ब्याज मिलता है।
कितनी बचत करनी होगी?
अगर आपका लक्ष्य 60 की उम्र तक कम से कम 1 करोड़ रुपये जमा करना है, तो इसके लिए बहुत बड़ी रकम की जरूरत नहीं है। उदाहरण के तौर पर, अगर आप 30 साल की उम्र से हर महीने करीब 6000 से 7000 रुपये का निवेश इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड में करते हैं और आपको औसतन 12% सालाना रिटर्न मिलता है, तो 60 साल की उम्र तक आपका फंड 1 करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है। अगर निवेश की रकम या समय थोड़ा और बढ़ाया जाए, तो यह आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है।
कहां करें निवेश?
रिटायरमेंट के लिए निवेश करते समय सिर्फ सेविंग अकाउंट या एफडी पर निर्भर रहना सही नहीं है। महंगाई के चलते इन ऑप्शन्स में पैसा धीरे-धीरे अपनी वैल्यू खो देता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लॉन्ग टर्म गोल के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड, इंडेक्स फंड और रिटायरमेंट फंड बेहतर ऑप्शन हो सकते हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़े, निवेश का बैलेंस धीरे-धीरे सेफ ऑप्शन्स की ओर शिफ्ट किया जा सकता है।
SIP क्यों है सबसे आसान तरीका?
SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान रिटायरमेंट प्लानिंग का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका माना जाता है। इसमें हर महीने एक तय रकम निवेश होती है, जिससे न तो जेब पर ज्यादा बोझ पड़ता है और न ही मार्केट के उतार-चढ़ाव का ज्यादा असर होता है।
ध्यान रखने वाली जरूरी बातें
रिटायरमेंट प्लान बनाते समय महंगाई को जरूर ध्यान में रखें। आज 1 करोड़ रुपये की वैल्यू 30 साल बाद काफी कम हो सकती है। इसलिए समय-समय पर अपने निवेश की समीक्षा करें और जरूरत पड़े तो SIP की रकम बढ़ाएं।


