
आज के समय में हर कोई फाइनेंशियल रूप से आजाद होना चाहता है। जैसे ही लोग पैसा बचाने या निवेश की बात करते हैं, ज्यादातर लोग सीधे 1 करोड़ रुपये को अपना बड़ा टारगेट बना लेते हैं। करियर हो, सेविंग प्लान हो या इन्वेस्टमेंट सब कुछ उसी 1 करोड़ के नंबर पर टिक जाता है। लेकिन सच यह है कि असली बदलाव इससे पहले ही आ जाता है। फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के मुताबिक 50 लाख रुपये वह बड़ा मोड़ है, जहां पहुंचने के बाद आपकी मेहनत कम और आपके पैसे की ताकत ज्यादा काम करने लगती है। मतलब, 50 लाख के बाद पैसा खुद-ब-खुद तेजी से बढ़ने लगता है।
50 लाख क्यों है टर्निंग पॉइंट?
दरअसल, आपकी फाइनेंशियल जर्नी का सबसे बड़ा बदलाव 1 करोड़ पर नहीं, बल्कि 50 लाख पर आता है। पहला 50 लाख आप अपनी मेहनत, अनुशासन और नियमित बचत से बनाते हैं। लेकिन इसके बाद का 50 लाख यानी 1 करोड़ तक का सफर मोमेंटम और कंपाउंडिंग आपके लिए खुद आसान बना देती है। अगर आपके पास 50 लाख रुपये निवेश में हैं और आप औसतन 12% सालाना रिटर्न पाते हैं, तो यह रकम अगले 6 साल में लगभग 1 करोड़ बन सकती है, वह भी बिना अपनी मासिक SIP बढ़ाए। अमेरिकी बिजनेसमैन और इन्वेस्टर चार्ली मंगर ने कहा था कि पहले 1 लाख डॉलर इकट्ठा करना ही सबसे मुश्किल होता है। भारत में यही बात पहले 50 लाख पर लागू होती है।
कंफ्यूजन
30-40 की उम्र के बीच अधिकांश लोग अपनी सेविंग्स में गिरावट देखना शुरू करते हैं। रेंट बढ़ता है, EMI शुरू होती है, बच्चे, परिवार, ट्रैवल, गैजेट्स जैसी चीजों से खर्चे बढ़ते ही जाते हैं। इसी दौर में ज्यादातर लोग अपनी सबसे बड़ी गलती करते हैं, जो कि है निवेश में गैप छोड़ना। कई बार 2-3 साल SIP मिस करने से उतना नुकसान होता है, जितना सैलरी में 30% बढ़ोतरी न मिलने से भी नहीं होता। इसलिए 50 लाख तक पहुंचना फाइनेंशियल नहीं, बल्कि व्यवहारिक अनुशासन की परीक्षा है।
50 लाख कैसे बनते हैं करोड़?
अगर आप हर महीने 15,000 रुपये निवेश करते हैं और उसमें हर साल 10% बढ़ोतरी करते हैं, तो 12-14 साल में आपका कॉर्पस लगभग 50 लाख हो सकता है। मुश्किल हिस्सा यही है। लेकिन इसके बाद अगर आप नई बचत करना भी बंद कर दें और पैसा ऐसे ही रहने दें, तो 6 साल में बन सकता है लगभग 1 करोड़, 12 साल में बन सकता है लगभग 2 करोड़ और 21 साल में 4 करोड़ तक पहुंच सकता है। यहीं कंपाउंडिंग अपना असली जादू दिखाती है।
बेहतर अनुशासन से बनाता है 50 लाख
सैलरी बढ़ती है, लेकिन लाइफस्टाइल उससे भी तेजी से बढ़ जाती है। यही वजह है कि लोग 50 लाख तक पहुंच ही नहीं पाते। असली ताकत नियमित निवेश में है, न कि ज्यादा कमाने में।


