Monday, August 25, 2025
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हर महीने 7 परसेंट का रिटर्न… हैदराबाद में 850 करोड़ रुपये के AI पोन्जी स्कीम का भ़डाफोड़, 2 गिरफ्तार


Share Market Scam: हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने एक फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले का भंडाफोड़ करते हुए एवी सॉल्यूशंस के दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इस वित्तीय घोटाले में पॉन्जी स्कीम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित निवेश प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया था. इस मामले में सॉफ्टवेयर के आधार पर शेयर बाजार में अधिक मुनाफे की भविष्यवाणी कर 3000 से अधिक निवेशकों को झांसे में लिया गया और इन्हें हर महीने मोटी कमाई के जाल में फंसा लिया गया. 

कई शहरों में फैला है नेटवर्क 

साइबराबाद पुलिस कमिश्नरेट के मुताबिक, साल 2022 से 2025 के बीच हुई इस धोखाधड़ी में आरोपी इस दावे के साथ निवेशकों को लालच देते थे कि उनके पास एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो बाजार की सटीक भविष्यवाणी कर हर महीने 7 परसेंट तक का स्थायी रिटर्न दिला सकता है.

20 से ज्यादा कंसल्टेंट, एजेंट, टेक्नीकल डेवलपर्स और वेबसाइट एडमिनिस्ट्रेटर के साथ कंपनी का नेटवर्क कई शहरों में फैला हुआ है. इस फर्जी निवेश स्कीम में 3,164 लोगों से रकम ली गई है. इनमें 2,388 लोग एवी सॉल्यूशंस के झांसे में आए और आईआईटी कैपिटल ने 776 निवेशकों से पैसे लिए थे. इनसे कुल 850.59 करोड़ रुपये की वसूली की गई. इनमें से 618.23 करोड़ रुपये आंशिक रूप से वापस कर दिए गए और आरोपी 232.36 करोड़ रुपये अपने पास रखकर फरार हो गए. 

19 अगस्त को हैदराबाद में हुई गिरफ्तारी 

पुलिस ने एवी सॉल्यूशंस और श्रीनिवास एनालिटिकल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर गद्दाम वेणुगोपाल (आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के मूल निवासी) और एवी सॉल्यूशंस में कार्यरत श्रेयस पॉल (कर्नाटक के बल्लारी निवासी) को गिरफ्तार किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों की गिरफ्तारी 19 अगस्त को हैदराबाद में की गई. पुलिस ने उनके पास से दो महंगी कारें, 11 लैपटॉप, 3 मोबाइल, बैकएंड ट्रेडिंग एक्सेस, 3,164 ग्राहकों का डेटाबेस, 14 चेक बुक, 30 प्रॉमिसरी नोट (3.37 करोड़ रुपये), संपत्ति के कागजात, कंपनी की मुहरें, मणिकोंडा और हैप्पी होम्स में फ्लैट और बेनामी लेनदेन बरामद किए. 

खुद को वैध दिखाने की कोशिश

धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइटें – www.iitstockmarket.com, www.myshareprofit.com, www.avgroups.org, www.fehufin.com, www.tradeonnumbers.com, www.smalgo.com, www.srimaata.com और www.maheshwaraadvisoryservices.com थीं. आरोपियों ने खुद को सही दिखाने के लिए फर्जी एनआईएसएम/एनएसई/बीएसई सर्टिफिकेट दिखाए, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इंवेस्टमेंट सेमिनार का आयोजन किया, शानदार दफ्तर खोलकर रखा और इस तरह से निवेशकों का भरोसा जीता. इन साइबर क्रिमिनल्स के टारगेट में मिडिल क्लास और रिटायर्ड लोग, नौकरीपेशा शामिल थे. 

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि इस पोन्जी स्कीम में ली गई रकम का एक हिस्सा ट्रेडिंग में लगाया जाता था, जबकि 40-50 परसेंट रकम का इस्तेमाल पुराने निवेशकों को रिटर्न देने में किया गया. बाकी रकम का आरोपी खुद के इस्तेमाल के लिए निकाल लेते थे. इस तरह से फर्जी ट्रेडिंग और मुनाफे का आंकड़ा दिखाकर निवेशकों को फंसाया जाता था. 

 

 

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