
डीप फ्राइड फूड्स: समोसे, पकोड़े, फ्रेंच फ्राइज या चिप्स, डीप फ्राई किए गए फूड्स में ट्रांस फैट होता है, जो लीवर को फैटी बना देता है. इससे नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. ये फूड्स लीवर को सूजने और कमजोर होने की दिशा में ले जाते हैं.

रेड मीट: मटन और बीफ जैसे रेड मीट में हाई प्रोटीन होता है, लेकिन इन्हें पचाना लीवर के लिए भारी काम होता है. खासकर अगर पहले से लीवर की दिक्कत हो, तो रेड मीट उसका बोझ और बढ़ा सकता है. इसलिए संतुलन में सेवन करना ही बेहतर है.

शुगर युक्त ड्रिंक्स: कोल्ड ड्रिंक्स, पैक्ड जूस या फ्लेवर वाली एनर्जी ड्रिंक्स में फ्रक्टोज़ की मात्रा ज़्यादा होती है. ये लिवर में फैट जमा करते हैं और धीरे-धीरे उसे डैमेज कर सकते हैं. रोजाना मीठे पेय पीने से फैटी लिवर और इंसुलिन रेसिस्टेंस की समस्या बढ़ जाती है.

प्रोसेस्ड फूड्स: पिज्जा, बर्गर, सॉसेज और इंस्टेंट नूडल्स जैसे प्रोसेस्ड फूड्स में प्रिज़र्वेटिव्स, नमक और अनहेल्दी फैट्स की भरमार होती है. ये लीवर के नेचुरल फंक्शन में बाधा डालते हैं और लीवर इंफ्लेमेशन की वजह बन सकते हैं.

अल्कोहल:थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भी अगर नियमित रूप से अल्कोहल का सेवन किया जाए तो ये लीवर सेल्स को नुकसान पहुंचाता है. अधिक शराब पीने से लीवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है. इसलिए अल्कोहल को लिमिट में रखना बेहद ज़रूरी है.

एक्स्ट्रा नमक: नमक जरूरी है, लेकिन ज्यादा मात्रा में इसका सेवन लीवर में पानी जमा करने और सूजन का कारण बनता है. जंक फूड्स, नमकीन और प्रोसेस्ड आइटम्स में पहले से ही काफी नमक होता है, जिससे लीवर को धीरे-धीरे नुकसान होता है.
Published at : 22 Jul 2025 05:10 PM (IST)