Wednesday, November 26, 2025
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सफदरजंग अस्पताल ने रचा इतिहास, पहली बार 11 साल के बच्चे का सफल किडनी ट्रांसप्लांट



दिल्ली के वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल ने 19 नवंबर 2025 को किडनी प्रत्यारोपण सेवाओं में नया अध्याय जोड़ते हुए पहली बार किसी बच्चे का सफल किडनी ट्रांसप्लांट कर दिखाया. यह उपलब्धि न सिर्फ अस्पताल के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि देश के किसी भी केंद्रीय सरकारी अस्पताल में किया गया पहला पेडियाट्रिक किडनी ट्रांसप्लांट भी है.

11 साल के बच्चे को मिला नया जीवन

यूपी के सुल्तानपुर का 11 वर्षीय बच्चा करीब डेढ़ साल से ‘बाइलेटरल हाइपोडिसप्लास्टिक किडनी’ जैसी दुर्लभ स्थिति से जूझ रहा था. गंभीर हालात में सफदरजंग अस्पताल लाए गए बच्चे को इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट तक हुआ और जांच में पता चला कि उसकी दोनों किडनियां पूरी तरह फेल हो चुकी हैं. तब से वह नियमित डायलिसिस पर निर्भर था.

मां बनीं जीवनदायिनी, जटिल सर्जरी रही सफल

विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों में किडनी ट्रांसप्लांट हमेशा मुश्किल माना जाता है. छोटे शरीर में वयस्क किडनी फिट करना और नाजुक रक्तवाहिनियों से जोड़ना बेहद जटिल प्रक्रिया होती है. बच्चे की मां ने किडनी दान की और सर्जरी के बाद किडनी ने तुरंत काम करना शुरू कर दिया. डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा अब डायलिसिस की जरूरत से पूरी तरह मुक्त हो चुका है और तेजी से स्वस्थ हो रहा है.

आर्थिक संकट के बीच अस्पताल बना सहारा

बच्चे के पिता मजदूरी से परिवार चलाते हैं और निजी अस्पताल में होने वाला लाखों रुपये का खर्च उनके लिए नामुमकिन था. अस्पताल प्रशासन ने न केवल प्रत्यारोपण की प्रक्रिया संभाली, बल्कि उसके बाद लगने वाली महंगी दवाओं का खर्च भी खुद वहन करने की घोषणा की. 

विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने मिलकर रचा इतिहास

अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. संदीप बंसल ने कहा कि यह उपलब्धि मेडिकल टीम की वर्षों की मेहनत और समर्पण का नतीजा है. उन्होंने इसे देश में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की क्षमता और भरोसे को मजबूत करने वाला कदम बताया. इस सर्जरी का नेतृत्व यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के प्रमुख डायरेक्टर प्रो. डॉ. पवन वासुदेवा ने किया. उनके साथ प्रो. डॉ. नीरज कुमार भी सर्जिकल टीम में शामिल थे. पेडियाट्रिक टीम का नेतृत्व डॉ. शोभा शर्मा ने किया, जिनके साथ डॉ. श्रीनिवासवरदन और विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप के. देबता जुड़े रहे. एनेस्थीसिया टीम का संचालन डॉ. सुशील ने किया, जिनकी टीम में डॉ. ममता और डॉ. सोनाली शामिल थीं.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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