भारत और चीन ने मंगलवार को LAC पर गतिरोध को ध्यान में रखते हुए अपने सीमा विवाद को सुलझाने और द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने समेत कई पहलों की घोषणा की। इनमें सीमा परिसीमन में “शीघ्र लाभ” की संभावना तलाशने से लेकर सीधी उड़ानें दोबारा शुरू करने और व्यापार एवं निवेश प्रवाह को सुगम बनाने जैसे कदम शामिल हैं।
SCO शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन जाएंगे पीएम मोदी
इन उपायों की घोषणा चीन के विदेश मंत्री वांग यी की विशेष प्रतिनिधि तंत्र के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ बातचीत और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ उनकी बैठक के बाद की गई। ये घोषणाएं ऐसे समय में की गई हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के आखिर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन की यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री ने मंगलवार शाम चीनी विदेश मंत्री के साथ मुलाकात की थी।
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने तियानजिन में आयोजित होने जा रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति का स्वागत किया है, जबकि भारत ने चीन को इस शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में अपने पूर्ण समर्थन को दोहराया है।
भारत और चीन के द्विपक्षीय संबंधों में हो रहा है सुधार
डोभाल और वांग दोनों ने पिछले साल अक्टूबर में LAC पर गतिरोध खत्म करने के लिए बनी सहमति के बाद द्विपक्षीय संबंधों में लगातार प्रगति और सीमा पर तनाव कम होने की ओर इशारा किया, जो अमेरिकी प्रशासन की व्यापार नीतियों के कारण भू-आर्थिक उथल-पुथल के बीच संबंधों में बढ़ती गर्मजोशी को दिखाता है।
वीजा की सुविधा प्रदान करने पर भी सहमत हुए दोनों देश
रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को एस. जयशंकर के साथ वांग की बैठक में कई अन्य पहलों को अंतिम रूप दिया गया था। जिनमें जल्द से जल्द सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करना और एक नए हवाई सेवा समझौते को अंतिम रूप देना शामिल है। कोविड-19 महामारी के दौरान सीधी उड़ानें बंद हो गईं और LAC पर गतिरोध के बाद भी ये जारी रहीं। दोनों पक्ष पर्यटकों, व्यवसायों, मीडिया और अन्य विजिटर्स के लिए वीजा की सुविधा प्रदान करने पर भी सहमत हुए हैं।
सीमा व्यापार को खोलने के लिए बनी सहमति
लिपुलेख पास, शिपकी पास और नाथू ला में तीन खास बिंदुओं के माध्यम से सीमा व्यापार को फिर से खोलने के अलावा, भारत और चीन ठोस उपायों के माध्यम से दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश प्रवाह को सुविधाजनक बनाने पर भी सहमत हुए हैं। भारत ने अप्रैल 2020 में प्रेस नोट 3 के माध्यम से चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके अलावा, दोनों पक्षों ने 2026 में दक्षिण-पश्चिम चीन के शिजांग क्षेत्र में कैलाश मानसरोवर की भारतीय तीर्थयात्रियों द्वारा यात्रा को विस्तारित पैमाने पर जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।