
क्या घरेलू एयरलाइंस एयर इंडिया गहरे वित्तीय संकट में है? इसके संकेत ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट से मिल रहा है जिसमें एयरलाइन ने अपने मालिक टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस से कम से कम ₹10,000 करोड़ (लगभग $1.14 अरब) की भारी-भरकम वित्तीय सहायता मांगी है। चर्चा है कि इस साल जून में हुए विनाशकारी विमान हादसे के बाद एयरलाइंस को वित्तीय सहायता की जरूरत पड़ गई है। जून में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे में 240 से अधिक यात्रियों की मौत हुई थी। यह हादसा एयरलाइन को उसके सबसे गंभीर संकट में ले गया है और उसके प्रतिष्ठा पुनर्निर्माण और बेड़े के आधुनिकीकरण के प्रयासों को और जटिल बना दिया है।
सुधार और पुनर्गठन के लिए फंड की मांग
सूत्रों ने बताया कि टाटा समूह के स्वामित्व वाली यह एयरलाइन एयर इंडिया की प्रणालियों और सेवाओं के पुनर्गठन, साथ ही इन-हाउस इंजीनियरिंग और मेंटेनेंस विभागों के विकास के लिए फंडिंग चाहती है। लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी वित्तीय सहायता को दोनों मालिकों की हिस्सेदारी के अनुपात में बांटा जाएगा। यह सहायता ब्याज-मुक्त ऋण के रूप में दी जाएगी या इक्विटी निवेश के रूप में- इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है।
आंतरिक प्रक्रियाओं में सुधार लाने को प्रतिबद्ध
एयर इंडिया सीईओ कैंपबेल विल्सन ने इस सप्ताह की शुरुआत में कंपनी की आंतरिक प्रक्रियाओं में सुधार लाने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि जून में हुआ विमान हादसा यात्रियों, उनके परिवारों और हमारे स्टाफ के लिए अत्यंत दुखद था। हम प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि वे इस कठिन समय से उबर सकें।
यह नई फंडिंग की मांग ऐसे समय में आई है जब कंपनी पहले से ही फ्लीट मॉडर्नाइजेशन और सेवा गुणवत्ता सुधार जैसे चुनौतीपूर्ण कार्यों में लगी हुई है। यह वित्तीय सहायता एयर इंडिया को मौजूदा संकट से उबरने और पुनर्गठन के रास्ते पर लौटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।


 
                                    