विटामिन D हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व है. इसे सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है क्योंकि यह शरीर में तब बनता है जब हमारी स्किन पर सूरज की रोशनी पड़ती है. यह विटामिन कैल्शियम और फास्फोरस को शरीर में अवशोषित करने में मदद करता है, जिससे हमारी हड्डियां मजबूत, मसल्स हेल्दी और इम्यून सिस्टम बेहतर रहता है. हैरानी की बात यह है कि सूरज की इतनी रोशनी होने के बावजूद, भारत में हर दूसरा व्यक्ति विटामिन D की कमी से जूझ रहा है.
हाल ही में मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड द्वारा की गई एक बड़ी स्टडी ने इस स्थिति पर गहरी चिंता जताई है. यह रिसर्च 6 साल तक चली और इसमें देशभर के 20 लाख से ज्यादा लोगों के टेस्ट शामिल किए गए. रिपोर्ट में सामने आया कि लगभग 46.5 प्रतिशत भारतीयों में विटामिन D की गंभीर कमी है, जबकि 26 प्रतिशत लोगों में इसका लेवल पूरा नहीं है यानी देश की करीब तीन-चौथाई आबादी में विटामिन D की कमी या कमी की संभावना मौजूद है. तो आइए जानते हैं इस स्टडी की खास बातें, उसके नतीजे और विशेषज्ञों की राय क्या है.
6 साल तक चला देशभर की बड़ी रिसर्च
मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड ने 2019 से जनवरी 2025 तक देशभर में करीब 20.2 लाख लोगों के विटामिन D टेस्ट किए. इन नतीजों से पता चला कि लगभग हर दूसरा भारतीय विटामिन D की कमी से पीड़ित है. इस रिसर्च के मुताबिक देश में आधी आबादी विटामिन D की कमी से जूझ रही है. रिसर्च में पाया गया कि भारत में करीब हर 4 में से 3 लोगों में विटामिन D की कमी या कमी का खतरा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में विटामिन D की कमी सिर्फ आम कारणों से नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से भी बढ़ रही है. जैसे लोग दिनभर ऑफिस या घर के अंदर रहते हैं, धूप में निकलने की आदत कम हो गई है, डाइट में विटामिन D से भरपूर चीजें जैसे अंडा, मछली, दूध, घी आदि की कमी है. हालांकि 2019 से 2024 के बीच थोड़ा सुधार देखने को मिला. जिसमें पहले जहां 51 प्रतिशत लोग इसकी कमी से जूझ रहे थे, वहीं 2023-24 में यह दर घटकर 43 प्रतिशत रह गई.
बच्चे और टीनएजर्स सबसे ज्यादा प्रभावित
13 से 18 साल के टीनएजर्स में विटामिन D की कमी सबसे ज्यादा पाई गई. यानी हर 10 में से करीब 7 टीनएज में इसकी कमी थी, जिसका कारण ऑनलाइन पढ़ाई, मोबाइल पर ज्यादा समय बिताना और बाहर खेलने का समय कम होना है. वहीं, पहले महिलाओं में विटामिन D की कमी ज्यादा पाई जाती थी, लेकिन अब अंतर घट गया है. अब महिलाओं में कमी 46.9 प्रतिशत हो गई है और पुरुषों में कमी 45.8 प्रतिशत हो गई है. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बदलाव महिलाओं में पोषण और स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण हुआ है.
अलग-अलग राज्यों में अलग हालात
भारत के विभिन्न हिस्सों में विटामिन D की कमी में बड़ा अंतर देखा गया. जैसे दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा कमी, 51.6 प्रतिशत, खासकर केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु में, इसके अलावा मध्य भारत में 48.1 प्रतिशत लोगों में कमी, उत्तर भारत में 44.9 प्रतिशत लोगों में कमी, पश्चिम भारत थोड़ी बेहतर स्थिति, 42.9 प्रतिशत कमी, उत्तर-पूर्व भारत सबसे कम कमी 36.9 प्रतिशत क्योंकि वहां के लोग ज्यादा समय बाहर बिताते हैं और डाइट में विविधता होती है.
एक्सपर्ट्स का कहना है क्या करें
1. रोजाना 15 से 20 मिनट धूप में समय बिताएं.
2. डाइट में अंडे, दूध, पनीर, दही, मछली, मशरूम, घी और फोर्टिफाइड फूड्स शामिल करें.
3. डॉक्टर की सलाह से विटामिन D सप्लीमेंट या ड्रॉप्स ले सकते हैं.
4. नियमित ब्लड टेस्ट कराकर अपने विटामिन D और कैल्शियम का स्तर जांचते रहें.
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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