बिहार चुनाव में दूसरे चरण की वोटिंग के बाद अलग-अलग एजेंसियों की ओर से आए एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार बनती दिख रही है, जबकि महागठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ रहा है. इस एग्जिट पोल पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव का पहला रिएक्शन सामने आया है.
रामगोपाल यादव ने सभी एग्जिट पोल्स को प्रायोजित बताया है. उन्होंने कहा कि ये सभी एग्जिट पोल लोकसभा चुनाव के समय समाजवादी पार्टी को महज एक सीट दे रहे थे. उन्होंने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में सपा ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की. सपा नेता ने कहा, ‘बिहार के एग्जिट पोल्स अधिकारियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाकर बेईमानी कराने की नीयत से निकाले गए हैं. महागठबंधन के नेता कार्यकर्ता डेमोरलाइज़ न हों.’
सारे एग्जिट पोल्स प्रायोजित हैं । लोक सभा चुनाव के समय ये यू पी में समाजवादी पार्टी को एक सीट दे रहे थे और सपा जीती 37 सीटें । बिहार के एग्जिट पोल्स अधिकारियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाकर बेईमानी कराने की नीयत से निकाले गए हैं ।महागठबंधन के नेता कार्यकर्ता डेमोरलाइज़ न हों ।…
— Prof. Ram Gopal Yadav (@proframgopalya1) November 11, 2025
सपा महासचिव ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि तेजश्वी यादव ही मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. उन्होंने महागठबंधन कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि ईवीएम की निगरानी करें और काउंटिंग में अत्यधिक सावधान रहें. वोट चोरी न होने दें.
एग्जिट पोल में किस पार्टी को कितनी सीटें मिल रही हैं
बिहार चुनाव पर एजेंसियों ने एग्जिट पोल जारी कर दिए हैं. अधिकतर सर्वों में एनडीए को बहुमत मिलता दिख रहा है. पोल ऑफ पोल्स पर नजर डालें तो बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बन सकती है. इसमें एनडीए को 131-157 सीटें, महागठबंधन को 80-93 सीटें और अन्य को 3-6 सीटें मिल सकती हैं.
11 एजेंसियों के एग्जिट पोल का निचोड़ भी सामने आया है. बिहार में फिर से नीतीश कुमार की सरकार बन सकती है. MATRIZE-IANS के एग्जिट पोल की मानें तो, बिहार में एनडीए को 147-167 सीटें मिल रही हैं.
महागठबंधन को 70-90 सीटें और अन्य को 2-6 सीटें मिल सकती हैं. CHANAKAYA STRATEGIES के मुताबिक, एनडीए को 130-138 सीटें और महागठबंधन को 100-108 सीटें. इसके अलावा अन्य को 3-5 सीटें मिलती हुई दिख रही हैं.
POLSTRAT सर्वे के अनुसार, एनडीए को 133-148 सीटें, महागठबंधन को 87-102 सीटें और अन्य को 3-5 सीटें मिलने की संभावना है.


