देश के करोड़ों लोगों के लिए राहत भरी खबर है। केंद्र सरकार ने व्यक्तिगत जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर लगने वाले 18% GST को पूरी तरह हटाने का ऐलान किया है। इससे बीमा प्रीमियम अब पहले से काफी सस्ते हो जाएंगे। यह ऐतिहासिक निर्णय बुधवार को हुई 56वीं GST काउंसिल बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। पीटीआई की खबर के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक के परिणामों की घोषणा करते हुए कहा कि सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियाँ, चाहे वे टर्म लाइफ, यूलिप या एंडोमेंट पॉलिसियाँ हों, और उसके बाद के पुनर्बीमा, जीएसटी से मुक्त हैं।
सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां जीएसटी फ्री
वित्त मंत्री ने कहा कि फैमिली फ्लोटर पॉलिसियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए पॉलिसियों और उनके पुनर्बीमा सहित सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां भी जीएसटी से मुक्त होंगी। जुलाई 2017 में अपनी स्थापना के बाद से, स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कंपनियां जीएसटी दर में कमी का लाभ उठाएं और बीमा को आम आदमी के लिए किफायती बनाएं और देश में बीमा कवरेज बढ़ाएं।
नई दरें नवरात्रि के पहले दिन से प्रभावी
सरकार ने वित्त वर्ष 2024 में स्वास्थ्य सेवा और जीवन बीमा पर लगाए गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से 16,398 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। इसमें से 8,135 करोड़ रुपये जीवन बीमा से और 8,263 करोड़ रुपये स्वास्थ्य बीमा से प्राप्त हुए। इसके अतिरिक्त, पिछले वित्त वर्ष में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर पुनर्बीमा से भी 2,045 करोड़ रुपये जीएसटी के रूप में प्राप्त हुए, जिसमें जीवन पुनर्बीमा से 561 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य सेवा पर 1,484 करोड़ रुपये शामिल हैं।
बीमा से कब कितना हासिल हुआ
वित्त वर्ष 2023 में स्वास्थ्य सेवा और जीवन बीमा सेवाओं पर जीएसटी से 16,770 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिसमें जीवन बीमा से 9,132 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य सेवा बीमा से 7,638 करोड़ रुपये शामिल हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली और सभी राज्यों के मंत्रियों वाली 56वीं जीएसटी परिषद ने उत्पादों को मौजूदा 12 और 28 प्रतिशत स्लैब से हटाकर कम दरों पर 5 और 18 प्रतिशत की दो कर दरों पर सहमति व्यक्त की है। कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लगाई जाएगी।
5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की 4-स्तरीय जीएसटी संरचना 1 जुलाई, 2017 से लागू की गई थी, जब केंद्र और राज्य अपने अधिकांश करों, जैसे उत्पाद शुल्क और वैट, को एक समान कर में समाहित करने पर सहमत हुए थे।