Saturday, November 22, 2025
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रुपये को बड़ा झटका! डॉलर के मुकाबले गिरकर 90 के लेवल की ओर, आज 98 पैसे गिरकर ऑल टाइम लो पर


घरेलू स्तर पर अचानक बढ़ी डॉलर की मांग से रुपये में गिरावट आई।- India TV Paisa

Photo:FREEPIK घरेलू स्तर पर अचानक बढ़ी डॉलर की मांग से रुपये में गिरावट आई।

भारतीय रुपये में शुक्रवार को जबरदस्त गिरावट देखी गई। घरेलू फॉरेक्स मार्केट में डॉलर की बढ़ी हुई मांग, वैश्विक और घरेलू बाजारों में भारी बिकवाली और व्यापार से जुड़ी अनिश्चितताओं के बीच रुपया 98 पैसे लुढ़ककर 89.66 पर बंद हुआ, जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, फॉरेक्स विशेषज्ञों के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई टेक्नोलॉजी स्टॉक्स में संभावित बबल की आशंका ने निवेशक भावना को कमजोर किया। इसके साथ ही विदेशी फंडों की लगातार निकासी से रुपये पर अतिरिक्त दबाव पड़ गया।

दिनभर भारी उतार-चढ़ाव

रुपया खुला: 88.67 पर


दिन का उच्च स्तर: 88.59

दिन का निचला स्तर: 89.66

पिछले तीन वर्षों में रुपये की सबसे बड़ी दैनिक गिरावट

फरवरी 2022 में 99 पैसे की गिरावट इसके करीब का अंतिम रिकॉर्ड था। गुरुवार को भी रुपया 20 पैसे टूटकर 88.68 पर बंद हुआ था। सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स का कहना है कि बाजार पूरी तरह चौंक गया। एडवाइजर्स ने कहा कि शुक्रवार की कमजोरी किसी वैश्विक झटके से नहीं, बल्कि घरेलू स्तर पर अचानक बढ़ी डॉलर की मांग से आई। उन्होंने बताया कि डॉलर इंडेक्स, कच्चे तेल के दाम, सोना, उभरती अर्थव्यवस्थाओं की करेंसी, इन सभी में खास बदलाव नहीं था, जिससे स्पष्ट हो गया कि रुपये पर असर पूरी तरह घरेलू फॉरेक्स डिमांड के कारण पड़ा।

वैश्विक संकेतक और बाजार की स्थिति

डॉलर इंडेक्स: 0.09% बढ़कर 100.17

ब्रेंट क्रूड: 2.18% गिरकर USD 62 प्रति बैरल

सेंसेक्स: 400.76 अंक गिरकर 85,231.92

निफ्टी: 124 अंक टूटकर 26,068.15

FII सेलिंग: विदेशी निवेशकों ने ₹1,766 करोड़ की बिकवाली की

क्रिप्टो और AI स्टॉक्स के क्रैश का असर

Kotak Securities के विश्लेषकों ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट, AI-linked टेक स्टॉक्स के तेजी से टूटने, ग्लोबल ‘रिस्क ऑफ’ मोड, इन सबने उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं जिसमें रुपया भी शामिल है को कमजोर किया। साथ ही, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर अनिश्चितता ने बाजार की चिंता और बढ़ा दी। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि रिज़र्व बैंक रुपये को किसी खास स्तर पर नहीं बांधता। मुद्रा का मूल्य बाजार की मांग और आपूर्ति पर तय होता है। अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाए जाने से व्यापारिक दबाव बढ़ा, जिससे डॉलर की मांग तेज हुई। उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही भारत व अमेरिका के बीच सकारात्मक व्यापार समझौता होगा, जो मौजूदा दबाव को कम करने में मदद करेगा।

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