समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को एक बार फिर जेल भेजा गया है. दो पैन कार्ड के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम को 7 साल की सजा सुनाई है. आजम और उनके बेटे को रामपुर जेल में रखा जाएगा. जेल जाने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए आजम खान ने कहा कि अदालत का फैसला है बेहतर है गुनहगार समझे गए तो सजा सुनाई है.
उधर, आजम खान और अब्दुल्लाह आजम को एक ही जेल में रखा जाए यह याचिका कोर्ट में आजम खान के वकील ने लगाई है. अब कोर्ट तय करेगा कि दोनो को कहां रखा जाएगा. अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने कहा कि यह अब्दुल्लाह आजम खान के दो फर्जी पैन कार्ड से जुड़ा मामला था.अदालत ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को सात साल जेल की सजा सुनाई है.
क्या है अब्दुल्लाह और आजम खान के खिलाफ मामला?
इस मामले में प्रतिवादी रहे बीजेपी विधायक आकाश कुमार सक्सेना ने कहा कि दो अलग-अलग पैन कार्ड का मामला 2019 का है. छह साल बाद आज फैसला आया है और अब्दुल्ला आजम खान और आजम खान दोनों को सात साल की सजा सुनाई गई है. मैं इसे सत्य की जीत मानता हूं. बता दें 55 दिन पहले ही आजम खान, सीतापुर जेल से रिहा हो कर आए थे.
सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो पैनकार्ड मामले में अदालत ने मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया. एमपी-एमलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आजम खान और अब्दुल्ला आजम दोनों को दोषी करार देते हुए सात साल कैद की सजा सुनाई है. सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो पैनकार्ड मामले में अदालत ने मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया. एमपी-एमलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आजम और अब्दुल्ला दोनों को दोषी करार देते हुए सात साल कैद की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट का फैसला आते ही आजम-अब्दुल्ला को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया.
बीजेपी नेता एवं वर्तमान में शहर विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में सिविल लाइंस थाने में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ केस दर्ज कराया था. जिसमें आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम ने दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्रों से दो पैनकार्ड बनवाए हैं. आरोप है कि सपा नेता आजम खां के इशारे पर दोनों ही पैनकार्ड का अब्दुल्ला ने समय समय पर इस्तेमाल भी किया है. इस केस का ट्रायल एपमी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा था, जहां दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो चुकी थी. आज इस मामले में अदालत को अपना फैसला सुनाना था, इसके लिए आजम खान और अब्दुल्ला आजम दोनों को तलब किया था.


