दक्षिण भारत की प्रमुख बहु-ब्रांड रिटेल चेन आरबीएस रिटेल इंडिया लिमिटेड ने बाजार नियामक SEBI के सामने अपनी प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) जमा कर दिया है। जानकारों के मुताबिक, इस आईपीओ के जरिए कंपनी लगभग 1,500 करोड़ रुपये जुटाने का इरादा रखती है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, इस आईपीओ में कंपनी 500 करोड़ रुपये तक की नई इक्विटी शेयरों की पेशकश करेगी, जबकि प्रमोटर्स करीब 2.98 करोड़ इक्विटी शेयरों का ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) करेंगे।
फंड का इस्तेमाल कहां करेगी कंपनी
आरबीएस रिटेल इंडिया लिमिटेड, जुटाई राशि में करीब 275 करोड़ रुपये कर्ज चुकाने में लगाएगी। लगभग 118 करोड़ रुपये नए स्टोर खोलने के लिए, जिनमें R S Brothers और South India Shopping Mall ब्रांड शामिल हैं। बाकी राशि का इस्तेमाल सामान्य कॉर्पोरेट कार्यों के लिए किया जाएगा।
कंपनी को जान लीजिए
साल 2008 में स्थापित आरएसबी रिटेल, प्रीमियम, मिड-प्रिमियम और वैल्यू कैटेगरी के ग्राहकों के लिए एथनिक, कैजुअल और फॉर्मल परिधानों की रेंज पेश करती है। 31 मार्च 2025 तक, कंपनी के 22 शहरों में 73 स्टोर हैं, जो तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में फैले हैं। इसके प्रमुख स्टोर ब्रांड्स में साउथ इंडिया शॉपिंग मॉल, आर.एस. ब्रदर्स, कांचीपुरम नारायणी सिल्क्स, डे रॉयल और वैल्यू ज़ोन हाइपर मार्ट शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2025 में कंपनी की कुल आय 2,694 करोड़ रुपये रही, जबकि कर के बाद शुद्ध लाभ 104.4 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।
भारतीय रिटेल मार्केट की स्थिति
Technopak की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का रिटेल सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है और वित्तीय वर्ष 2025 तक इसका कुल बाजार आकार 92.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। इसमें परिधान और एक्सेसरीज की हिस्सेदारी लगभग 6.90 लाख करोड़ रुपये है। दक्षिण भारत का परिधान बाजार देश के कुल परिधान बाजार का 28% है, जिसका मूल्य वित्तीय वर्ष 2024 में 1.72 लाख करोड़ रुपये था।
यह बाजार अगले पांच वर्षों में 12% की वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 2029 तक 3.05 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। RSB रिटेल इंडिया ने अपने आईपीओ के लिए मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स, एचडीएफसी बैंक और आईआईएफएल कैपिटल सर्विसेज को प्रबंधक के तौर पर नियुक्त किया है।